Ganesh Ji Idol Direction: गणेश जी की मूर्ति को इस दिशा में करेंगे स्थापित, सुख-समृद्धि का होगा वास और जाग उठेगी सोई किस्मत
गणेश जी (ganesh ji) की कृपा से व्यक्ति की सोई हुई किस्मत भी जाग जाती है. चलिए आपको बताते हैं कि वास्तु के अनुसार गणेश जी (Ganesh Ji Murti Direction) की मूर्ति के लिए क्या नियम बताए गए हैं.
नई दिल्ली:
हिंदू या सनातन धर्म में गणेश जी (vastu tips for ganesh ji) को प्रथम स्थान प्राप्त है. माना जाता है कि किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा करने पर वो काम निर्विघ्न पूरे हो जाते हैं. इसके साथ ही गणेश जी के आशीर्वाद से भक्तों की सारी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं और सारे कष्टों का नाश हो जाता है. लेकिन, वास्तु के अनुसार भगवान गणपति जी (ganesh ji idol vastu tips) की कृपा हमारे ऊपर तभी बनी रहती है, जब सही दिशा और सही जगह पर उन्हें स्थापित किया जाए. उन्हें घर में एक उचित स्थान पर विराजमान कराना जरूरी है. ऐसा करने से ही घर में सुख-समृद्धि (right ditection for ganesh ji idol) का वास होता है.
गणेश जी की पूजा-अर्चना करने और व्रत आदि रखने से भक्तों पर जीवनभर गणेश जी (ganesh ji) की कृपा बनी रहती है. इसके साथ ही, अगर किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता है, तो उसे भी मजबूती मिलती है. गणेश जी को बल, बुद्धि और वाणी का दाता माना जाता है. गणेश जी की कृपा से व्यक्ति की सोई हुई किस्मत भी जाग जाती है. वास्तु के अनुसार कुछ बातों का ध्यान रख कर गणेश जी की कृपा पाई जा सकती है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि वास्तु के अनुसार गणेश जी के मूर्ति के लिए क्या नियम बताए गए हैं.
इस दिशा में स्थापित करें गणेश जी की मूर्ति
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, गणेश जी की मूर्ति की स्थापना को खास महत्व दिया गया है. वास्तु के अनुसार, गणपति जी की मूर्ति घर में विराजमान करने से घर में खुशियां आती है और साथ ही सुख-समृद्धि का वास होता है. वास्तु जानकारों के अनुसार गणेश जी की स्थापना के लिए घर की उत्तर-पूर्व दिशा सबसे उत्तम मानी (home vastu shastra) जाती है.
यह भी पढ़े : Bhagwan Vimalnath Chalisa: भगवान विमलनाथ जी की पढ़ेंगे ये चालीसा, मोक्ष की होगी प्राप्ति
इस दिशा में भूलकर भी स्थापित न करें गणेश जी की मूर्ति
वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ दिशाएं देवी-देवताओं के लिए उचित नहीं होती. उस हिसाब से घर की दक्षिण दिशा में भूलकर भी गणपति जी की स्थापना न करें. माना जाता है कि घर की दक्षिण दिशा यमराज की दिशा होता है. इसके साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें कि जहां गणेश जी को विराजमान करना है. वहां कूड़ा-कचरा या फिर टॉयलेट वगैराह नहीं होना चाहिए. गणेश जी की मूर्ति साफ-सुथरी जगह पर ही रखें. तभी गणपति जी की कृपा बरसती (establish ganesh ji idol rules) रहेगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट