आज 9 जून को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2022) मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में गंगाजल (gangajal) को बहुत पवित्र माना जाता है. जन्म से लेकर मरण तक गंगा का जल का बुहत महत्व है. सनातन धर्म में गंगा नदी (Ganga River) को मां का दर्जा दिया गया है. माना जाता है कि गंगाजी के दर्शन मात्र से मनुष्यों के पाप धुल जाते हैं, और गंगाजल के स्पर्श से स्वर्ग की प्राप्ति होती है. पूजा- पाठ, शुद्धिकरण कई शुभ कार्यों में गंगाजल का उपयोग किया जाता है.
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ज्यादातर लोग गंगाजल को अपने घरों में भी रखते हैं. लेकिन, कई बार जानकारी के अभाव में इसे घर में रखने के नियमों का पालन नहीं कर पाते जिससे उन्हें अनजाने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि अगर घर में गंगाजल रख रहे हैं तो इसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए इन नियमों (Ganga Dussehra auspicious incedence) का जरूर पालन करें.
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गंदे हाथों से जल स्पर्श न करें
गंगाजल को इस्तेमाल करने से पहले ध्यान रखें कि आपके हाथ स्वच्छ होने चाहिए. गंदे हाथों से गंगाजल को न छूएं. घर में गंगाजल हो तो मास-मदिरा भी न लें. गंदे हाथ से गंगाजल का स्पर्श करने पर ग्रहदोष (gangajal mistakes) लगता है.
अंधेरे में न रखा हो गंगाजल
गंगाजल को घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. इसके साथ ही घर में ये ऊर्जा बनी रहती है. लेकिन, इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इसे कभी भी अंधेरे कमरे या अंधेरे कोने में न रखें.
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प्लास्टिक बोतल
ज्यादातर लोग गंगाजल को प्लास्टिक की बोतल में भरकर रखते हैं. जो कि एक गलत तरीका है. विज्ञान में प्लास्टिक की बोतल को जहरीला माना जाता है. इसलिए, गंगाजल को हमेशा चांदी, पीतल या तांबे के बर्तन में भरकर रखना चाहिए.
शुद्धस्थान पर रखें
घर में जिस स्थान पर गंगाजल रखा हो, वहां शुद्धि का बहुत ध्यान रखें. उस जगह पर हमेशा साफ-सफाई जरूर करें. गंगाजल की पवित्रता बनाए रखने के लिए पूजा घर में इसे रखने की सलाह दी जाती है. घर के ईशान कोण को देवताओं का स्थान माना जाता है. इसलिए, गंगाजल को हमेशा घर की इसी दिशा में रखना शुभ माना जाता है.
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गंगा दशहरा 2022 स्नान मुहूर्त
इस बार गंगा दशहरा की दशमी तिथि 9 जून यानी गुरुवार को सुबह 8 बजकर 23 मिनट से 10 जून, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. इस दौरान गंगा स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. यदि ऐसा संभव न हो तो गंगाजल मिश्रित पानी (ganga dussehra 2022 snaan muhurat) से स्नान करें.