Guru Purnima 2025 : हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा को एक बेहद खास त्योहार माना जाता है. यह त्योहार गुरु और शिष्य के बीच के पवित्र रिश्ते का प्रतीक माना जाता है. इस पर्व को व्यास पूर्णिमा और वेद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन अपने गुरु को उपहार देने के साथ-साथ नदियों में स्नान और दान देने का भी विशेष महत्व है.
ऐसा माना जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं की पूजा करने से व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस दिन व्रत और पूजा करने से आध्यात्मिक विकास होता है. आइए जानते हैं कब है गुरु पूर्णिमा और क्या है इस दिन का महत्व...
कब है गुरु पूर्णिमा
पंचांग के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा यानि आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 10 जुलाई 2025 को सुबह 1:36 बजे से शुरू होगी. तिथि का समापन 11 जुलाई 2025 को सुबह 2:6 बजे होगा. उदया तिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पर्व 10 जुलाई 2025 दिन गुरुवार को मनाया जाएगा.
गुरु पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का दिन विशेष माना गया है क्योंकि इस दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. इन्होंने महाभारत, श्रीमद भागवत और 18 पुराणों जैसे अद्भुत साहित्य की रचना हुई थी. इसके अलावा गुरु पूर्णिमा का मुख्य उद्देश्य गुरुओं का आदर-सम्मान करना और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है साथ ही अपने गुरुओं से आशीर्वाद प्राप्त कर मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ने का प्रयास करना.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)