Yogini Ekadashi 2025: 21 या 22 जून, कब मनाई जाएगी योगिनी एकादशी? जानिए सही तिथि और महत्व

Yogini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी का विशेष महत्व है. मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत और पूजन करने से भक्त को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती हैं और जीवन सुखमय बनता है.

Yogini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी का विशेष महत्व है. मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत और पूजन करने से भक्त को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती हैं और जीवन सुखमय बनता है.

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Rajvant Prajapati
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Yogini Ekadashi 2023

Yogini Ekadashi 2025 (Social Media)

Yogini Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी व्रत को बहुत महत्व दिया गया है. एक साल में कुल 24 एकादशी व्रत आते हैं, जिसमें हर महीने 2 एकादशी व्रत आते हैं. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. योगिनी एकादशी का व्रत निर्जला एकादशी के बाद रखा जाता है. वैसे तो अक्सर योगिनी एकादशी का व्रत जून या जुलाई महीने में रखा जाता है. ऐसे में अगर आप साल 2025 में आषाढ़ माह में पड़ने वाली योगिनी एकादशी व्रत की तिथि को लेकर असमंजस में हैं तो जान लें कि ये व्रत कब रखा जाएगा.

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योगिनी एकादशी 2025 तिथि कब है?

योगिनी एकादशी तिथि 21 जून, शनिवार 2025 को प्रातः 07:18 बजे प्रारम्भ होगी. जबकि एकादशी तिथि 22 जून 2025 को प्रातः 04:27 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार योगिनी एकादशी व्रत 21 जून को रखा जाएगा.

योगिनी एकादशी 2025 व्रत पारण

योगिनी एकादशी का व्रत रखने के साथ-साथ इस व्रत का पारण भी सही समय और नियम के अनुसार करना जरूरी है. योगिनी एकादशी व्रत का पारण 22 जून को दोपहर 01 बजकर 28 मिनट से शाम 04 बजकर 03 मिनट तक किया जा सकता है.

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एकादशी व्रत का महत्व

योगिनी एकादशी व्रत एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. इस व्रत को रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है. योगिनी एकादशी व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करना अठ्यासी हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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