Bharat Jodo Yatra में राहुल गांधी को यूपी से सिर्फ विपक्षी शुभकामनाएं मिलीं, क्या कुछ वोट और...

Bharat Jodo Yatra : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने दलबल के साथ उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर लिया. उम्मीद के मुताबिक विपक्षी पार्टी का कोई नेता उनके साथ नहीं जुड़ा.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
rahul gandhi

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी( Photo Credit : File Photo)

Bharat Jodo Yatra : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने दलबल के साथ उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर लिया. उम्मीद के मुताबिक विपक्षी पार्टी का कोई नेता उनके साथ नहीं जुड़ा. बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की शुभकामनाएं जरूर राहुल के हिस्से में आ गई हैं. पार्टी कार्यकर्ता जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के खाते में ये शुभकामनाएं 2024 तक चौबीस वोट भी नहीं जोड़ सकती हैं. उत्तर प्रदेश में अब कांग्रेस ऐसी पार्टी में तब्दील हो चुकी है जिसके पास कुछ नेता हैं और जो कुछ नेता हैं उनके पास उनके सुनहरे इतिहास की कहानी है, इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं का वोट और सपोर्ट सब खो चुकी है, इसलिए टीम राहुल ने यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के उत्तर प्रदेश में प्रवेश से पहले ही प्रेस के जरिये उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों को यात्रा में शामिल होने का न्यौता भेज दिया.

Advertisment

यह भी पढ़ें : Kanjhawala Case: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं, ऐसे हुई थी लड़की की मौत

कांग्रेस इस पूरी यात्रा को 24 के चुनाव में राहुल बनाम मोदी करने की कोशिशों के तौर पर देख रही है. ऐसे में पूरी यात्रा ((Bharat Jodo Yatra)) में राहुल सिर्फ मोदी पर और उनके एजेंडे पर हमला बोलते हुए अपने आप को एक विकल्प के तौर पर प्रस्तुत करते हैं. उत्तर प्रदेश में विपक्षी पार्टियां 2024 के चुनावों के लिए तैयारी में जुटी है. वो भी जानती हैं कि मोदी योगी की जोड़ी का सामना एक जुट विपक्ष के सहारे ही संभव है, लेकिन एकजुटता की कीमत सीटों की संख्या पर चुकानी होगी. हर पार्टी को कुछ न कुछ सीट अपने हिस्से से गठबंधन दलों को लड़ने के लिए देनी होगी. इस गठबंधन की धुरी विधानसभा चुनाव में प्रमुख विपक्षी दल बन चुके अखिलेश के इर्द-गिर्द ही होगी.

अखिलेश यादव भी उत्तर प्रदेश में अपनी ताकत को वापस पाना चाहते हैं. अखिलेश की निगाह में लखनऊ की वापसी के लिए 24 के चुनाव में ताकत हासिल करना बेहद जरूरी है. विधानसभा चुनाव की हार ने उनको निराश जरूर किया था, लेकिन वो हार के कारणों की समीक्षा कर अपने कील-कांटे दुरुस्त करने में जुट गए. अखिलेश कांग्रेस के साथ 2017 के चुनाव में गठबंधन कर देख चुके हैं कि यूपी को दो लड़कों का साथ पसंद नहीं आया था और उन्होंने जितनी सीट कांग्रेस को दी थी उसका बड़ा खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा. इसके बाद 2022 में पार्टी ने कांग्रेस से बातचीत करने की बजाय जयंत चौधरी का साथ आजमाने का फैसला किया. फैसला सत्ता दिलाने में तो नाकामयाब रहा लेकिन गठबंधन सीटों के आकंड़ों को सवा सौ तक ले जाने में कामयाब रहा (Bharat Jodo Yatra).

यह भी पढ़ें : Kanjhawala Case: मृतका की दोस्त ने किया खुलासा, ऐसे हुआ एक्सीडेंट, इसलिए...

ऐसे में अखिलेश अब कांग्रेस के साथ खड़े होकर राहुल को बड़ा चेहरा बनाने में अपना योगदान नहीं देना चाहते हैं. अखिलेश के करीबियों का कहना है कि पिछले चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस ने 100 से ज्यादा सीटें विधानसभा चुनाव में मांगी थीं. अगर वो अब भी राहुल के साथ खड़े दिखते है तो आने वाले आम चुनाव में कांग्रेस का दावा दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर होगा और राष्ट्रीय राजनीति में भी कांग्रेस इस यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के समर्थन को अपने हक में इस्तेमाल करेगी. जयंत चौधरी पहले इस यात्रा में शामिल होने के हक में थे और ये यात्रा भी उन्हीं के प्रभाव क्षेत्र वाले इलाके से गुजर रही है, लेकिन वो इस क्षेत्र में अपने दम पर कोई कामयाबी हासिल नहीं कर सकते हैं.

ऐसे में उनकी सारी उम्मीदें गठबंधन पर लगी हुई हैं और जातीय समीकरण का गणित समाजवादी पार्टी के साथ ही उनको उम्मीद देता है. कांग्रेस पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपना सब कुछ खो चुकी है- न जनाधार बचा, न नेता. हरेन्द्र मलिक, इमरान मसूद जैसे नाम भी पिछले चुनाव में पार्टी से किनारा कर चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस अब एक प्रतिशत वोट हासिल करती है या नहीं इस पर दांव खेल सकते हैं लोग. राहुल के साथ जाकर मीडिया की सुर्खियां बटोरने से ज्यादा जयंत के लिए इस वक्त पार्टी का वजूद बचाना जरूरी है. ऐसे में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष के फैसले के साथ जुड़ते हुए उन्होंने भी कांग्रेसियों को अपनी व्यस्तताएं गिनवा दी हैं (Bharat Jodo Yatra). 

ऐसे में ये साफ होता है कि कुछ सुर्खियों और बयानों के अलावा यहां से राहुल पार्टी के लिए कुछ हासिल नहीं कर पाएंगे. उसी उत्तर प्रदेश में दो कभी कांग्रेस की संजीवनी हुआ करता था. पूरे देश में अपनी सत्ता के उस अबाध दौर में कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों के लिए नर्सरी था उत्तर प्रदेश. नेहरू-गांधी परिवार के गृह राज्य से कांग्रेस का सिकुड़ना और राष्ट्रीय राजनीति से भी बेदखली का दौर एक दूसरे के साथ चलता है. कांग्रेस देश में अपनी जगह बनाने के लिए इस राज्य में वापसी की कई बार नाकाम कोशिश कर चुकी है.

यह भी पढ़ें : Bihar Weather Update: घने कोहरे और शीतलहर के बीच नए साल की शुरुआत, अलाव बना सहारा

सोनिया गांधी से लेकर राहुल और प्रियंका गांधी सभी सदस्य अपने आपको इस राज्य में कांग्रेस में जान फूंकने के लिए मैदान में उतर चुके हैं, लेकिन हर बार इलाज से मर्ज और लाइलाज हुआ है. हालिया विधानसभा चुनाव में सफाये के बाद तो कांग्रेस की समझ से उत्तर प्रदेश ही गायब हो गया. राहुल की इस यात्रा से उत्तर प्रदेश कांग्रेस को कुछ हासिल नहीं होना है. हो सकता है कि राहुल कोई दूसरी यात्रा (Bharat Jodo Yatra) इस प्रदेश में अपनी पार्टी को दम देने के लिए करे तो बात बनें.

bharat jodo yatra live bharat jodo yatra in up rahul gandhi Bharat mayawati bharat jodo yatra Jayant Chowdhary Rahul Gandhi news rahul gandhi bharat jodo yatra Congress Bharat jodo yatra bharat jodo yatra rahul gandhi Akhilesh Yadav Bharat Jodo Yatra News
      
Advertisment