logo-image

बाबा वेंगा की भविष्यवाणी, साल 2020 से भी ज्यादा भयानक होगा साल 2021

1911 में जन्मीं बाबा वेंगा का निधन 1966 में ही हो गया था लेकिन दुनिया को अलविदा कहने से पहले ही उन्होंने 5079 ईस्वी तक की भविष्यवाणी लिख दी थी.

Updated on: 26 Dec 2020, 03:34 PM

नई दिल्ली:

दुनियाभर को कोरोना वायरस जैसी महामारी देने वाले साल 2020 का अंत काफी नजदीक आ चुका है. धरती पर रहने वाले सभी लोगों की यही कामना है कि आने वाला साल मानवजाति के लिए सुखमय हो. लेकिन, बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों ने पूरी दुनिया को एक बार फिर टेंशन में डाल दिया है. जी हां, साल 2021 को लेकर की गई बाबा वेंगा की भविष्यवाणी यदि सच साबित हुई तो नए साल में भी पूरी दुनिया भयानक मुसीबतों से घिरी रहेगी.

ये भी पढ़ें- गरीबी में कुत्तों का खाना खाने को मजबूर था ये शख्स, आज पूरी दुनिया में फैल चुका है बिजनेस

बता दें कि 1911 में जन्मीं बाबा वेंगा का निधन 1966 में ही हो गया था लेकिन दुनिया को अलविदा कहने से पहले ही उन्होंने 5079 ईस्वी तक की भविष्यवाणी लिख दी थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि बाबा वेंगा द्वारा की गई 85 फीसदी भविष्यवाणियां बिल्कुल सच साबित हुई हैं. बाबा वेंगा सोवियत यूनियन के विघटन, 9/11 आंतकी हमला, प्रिसेंस डायना की मौत, चेर्नोबिल की आपदा को लेकर भविष्यवाणी कर चुकी थीं, जो बिल्कुल सच साबित हुई थीं.

ये भी पढ़ें- रॉन बर्कले ने 1,61,84,41,000 रुपये में खरीदा माइकल जैक्सन का नैवरलैंड

अब बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों के मुताबिक साल 2021 में भी पूरी दुनिया को भयानक आपदाओं का सामना करना पड़ेगा. भविष्यवाणी के अनुसार इस साल पूरी दुनिया को भयानक प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है और एक समय पर आकर स्थिति इतनी खराब हो जाएगी कि दुनिया खत्म होने की कगार पर आकर खड़ी हो जाएगी. आपदाओं की वजह से धरती पर मौजूद मानवजाति की सोचने की क्षमता पर भी काफी बुरा असर पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- पिता की डांट से नाराज 11वीं के छात्र ने उठाया खौफनाक कदम, मामला जान कांप जाएगी रूह

बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों की मानें तो आने वाले समय में भारत का पड़ोसी देश चीन, अमेरिका को पछाड़कर वर्ल्ड पावर बन जाएगा. इसके साथ ही भारत की शक्तियों में भी अच्छा-खासा इजाफा होगा. वहीं दूसरी ओर, यूरोप को अपना सबसे बुरा समय देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा है कि यूरोप में रासायनिक हमले होंगे जिसकी वजह से यह अपने अंत के करीब पहुंच जाएगा. इतना ही नहीं, यूरोप इस दौरान अपने सबसे बुरी आर्थिक स्थिति भी देखनी पड़ेगी.