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sikkim sundari Photograph: (X)
Sikkim Sundari Plant Benefits: सिक्किम सुंदरी पौधे के बारे में क्या-क्या जानते हैं आप? हाल ही में उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. यह वीडियो एक सुंदर पौधे का है, जिसका नाम उन्होंने सिक्किम सुंदरी बताया है. यह एक दुर्लभ और अनोखा पौधा है, जिसे तिब्बती दवा भी कहते हैं. आनंद ने कहा कि इस पौधे के बारे में बच्चों को स्कूल में जरूर पढ़ाया जाना चाहिए.
क्या है सिक्किम सुंदरी?
सिक्किम सुंदरी पौधा भारत के सिक्किम में पाया जाता है. इसके साथ-साथ यह पूर्वी नेपाल और दक्षिण-पूर्वी तिब्बत में भी पाया जाता है. इस पौधे में कई सालों तक जीवित रहने की क्षमता होती है. यह हिमालय की चोटियों पर लगभग 4,000 से 4,800 मीटर की ऊंचाई पर होता है. इस पौधे का अंग्रेजी नाम रियम नोबेल है. आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra News) ने इस पौधे के बारे में कई खासियत बताई है.
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क्या खासियत है इस पौधे की?
आनंद महिंद्रा ने इस पौधे को धैर्य का प्रतीक कहा है. दरअसल, इसका कारण यह है कि यह कई सालों तक जमीन में अपनी पकड़ को बनाए रखता है. इसकी पत्तियां जमीन के अंदर होती है और कई बार इसका पौधा 20-30 वर्षों तक बिना फूलों के भी बढ़ता रहता है. यह पौधा सिर्फ एक ही बार फूल देता है. इतने ठंडे वातावरण में भी अपने आप को जीवित रखने की क्षमता को लेकर ही आनंद महिंद्रा (anand mahindra latest tweet) ने इसे धैर्य का पौधा कहा है.
I knew nothing about this extraordinary marvel: the ‘Sikkim Sundari’
— anand mahindra (@anandmahindra) December 21, 2025
Thriving at staggering altitudes of 4,000–4,800 meters, this "Glasshouse Plant" stands like a glowing tower against the mountains.
Its life is a masterclass in patience.
It is monocarpic, which means that… pic.twitter.com/keoMSmGcUl
सिक्किम सुंदरी पौधे के गुणकारी फायदे
सिक्किम सुंदरी पौधे का प्रयोग उसके औषधीय गुणों के चलते भी किया जाता है. यह पौधा हमें कड़ाके की ठंड से बचाने में मदद करता है. कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इसके पत्तों का रस तेज बुखार में पिया जाता है. इसे पीने से सर्दी, खांसी और गले की खराश दूर करता है. मलेरिया के बुखार में भी इसकी जड़ों का रस पीते हैं. आंखों की समस्याओं को दूर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. महिलाओं को प्रसव के बाद अंदरुनी सफाई और ताकत के लिए इसे दवा के रूप में दिया जाता है.
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मवेशियों के लिए भी फायदेमंद पौधा
इंडिया वॉटर पोर्टल की रिपोर्ट में बताया गया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में इस पौधे के रस को मवेशियों के लिए भी दवा की तरह इस्तेमाल करते हैं. बुखार उतारने के लिए और उनकी छाल पर हुए इंफेक्शन को कम करने में ये मदद करता है. कुष्ठ रोगों में इस पौधे के बीजों को पानी में उबाल कर दिया जाता है.
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