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चमत्कार का सार हैं ये प्राचीन सरोवर, श्रद्धालुओं का लगता है हुजूम

आज हम भारत के विभिन्न स्थानों पर मौजूद ऐसी पवित्र सरोवरों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे कई मान्यताएं और दिव्य चमत्कार की कई कथाएं जुड़ी हुई हैं.

Updated on: 26 Sep 2021, 01:03 PM

नई दिल्ली :

भारत (India) एक ऐसा देश है जहां पवित्र नदियों और पवित्र झीलों (Holy Rivers and Lakes) के कई संगम स्थल हैं. इन पवित्र झीलों और नदियों में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की खूब भीड़ उमड़ती है. भारत में कई ऐसे सरोवर हैं जिनका जिक्र पौराणिक कथाओं में भी मिलता है. इन सरोवरों से कई मान्यताएं और दिव्य चमत्कार की कई कथाएं जुड़ी हुई हैं. आज हम भारत के विभिन्न स्थानों पर मौजूद इन्हीं पवित्र सरोवरों के बारे में बताने जा रहे हैं. अगर आप धार्मिक स्थलों पर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इन स्थलों को एक्स्प्लोर कर सकते हैं. 

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1. कैलाश मानसरोवर 
 कैलाश मानसरोवर को सरोवरों में सबसे पहले माना जाता है. इसे देवताओं की झील कहा जाता है. यह हिमालय के केंद्र में है. इसे शिव का धाम माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, मानसरोवर के पास स्थित कैलाश पर्वत पर भगवान शिव साक्षात विराजमान हैं. यह हिन्दुओं के लिए प्रमुख तीर्थस्थल है. मानसरोवर लगभग 320 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है. जहां इसके उत्तर में कैलाश पर्वत है वहीं इसके पश्चिम में राक्षसताल है. इसके दक्षिण में गुरला पर्वतमाला और गुरला शिखर है. यह समुद्र तल से लगभग 4,556 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.  

2. नारायण सरोवर 
गुजरात के कच्छ जिले के लखपत तहसील में स्थित है नारायण सरोवर. नारायण सरोवर कोटेश्वर महादेव मंदिर से लगभग 4 किमी दूर है. मान्यताओं के अनुसार, ये झील धरती के नीचे कहीं गुम हुई पवित्र सरस्वती नदी के पानी से पोषित होती है. इसी वजह से नारायण सरोवर को गुजरात के तीर्थ स्थानों में से एक माना जाता है. बता दें कि, नारायण सरोवर का संबंध भगवान विष्णु से है. 'नारायण सरोवर' का अर्थ है- 'विष्णु का सरोवर'.  यहां सिंधु नदी का सागर से संगम होता है. इसी संगम के तट पर पवित्र नारायण सरोवर है. पवित्र नारायण सरोवर के तट पर भगवान आदिनारायण का प्राचीन और भव्य मंदिर है. इस पवित्र नारायण सरोवर की चर्चा श्रीमद् भागवत में मिलती है. नारायण सरोवर में कार्तिक पूर्णिमा से 3 दिन का भव्य मेला आयोजित होता है. 

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3. पुष्कर झील 
राजस्थान में अजमेर शहर से 14 किलोमीटर दूर पुष्कर झील है. इस झील का संबंध भगवान ब्रह्मा से है.  यहां ब्रह्माजी का एकमात्र मंदिर बना है. पुराणों में इसके बारे में विस्तार से उल्लेख मिलता है. यह कई प्राचीन ऋषियों की तपोभूमि भी रहा है.  यहां विश्व का प्रसिद्ध पुष्कर मेला लगता है, जहां देश-विदेश से लोग आते हैं. पुष्कर को पंच तीर्थों में भी गिना जाता है. पुष्कर के बनने का उल्लेख पद्मपुराण में मिलता है. पुष्कर का उल्लेख रामायण में भी हुआ है. कहा जाता है कि ब्रह्मा ने यहां आकर यज्ञ किया था. तीर्थराज पुष्कर को सब तीर्थों का गुरु कहा जाता है. इसे धर्मशास्त्रों में 5 तीर्थों में सर्वाधिक पवित्र माना गया है. झील के चारों ओर 52 घाट व अनेक मंदिर बने हैं. इनमें गऊघाट, वराहघाट, ब्रह्मघाट, जयपुर घाट प्रमुख हैं.  

4. बिंदु सरोवर 
बिंदु सरोवर 5 पवित्र सरोवरों में से एक है. अहमदाबाद के गुजरात से 130 किलोमीटर उत्तर में स्थित ऐतिहासिक सिद्धपुर में बसा है बिंदु सरोवर. इस स्थल का वर्णन ऋग्वेद की ऋचाओं में मिलता है जिसमें इसे सरस्वती और गंगा के बीच में बताया गया है. इस सरोवर का उल्लेख रामायण और महाभारत में मिलता है. महान ऋषि परशुराम ने भी अपनी माता का श्राद्ध यहां सिद्धपुर में बिंदु सरोवर के तट पर किया था. 

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5. पंपा सरोवर
मैसूर के पास स्थित पंपा सरोवर एक ऐतिहासिक स्थल है. हंपी के पास बसे हुए गांव अनेगुंदी को रामायण समय की किष्किंधा माना जाता है. तुंगभद्रा नदी को पार करने पर अनेगुंदी जाते समय मेन रास्ते से कुछ हटकर बाईं तरफ पश्चिम दिशा में पंपा सरोवर स्थित है. पंपा सरोवर के पास पश्चिम में पर्वत के ऊपर कई मंदिर दिखाई पड़ते हैं जो फ़िलहाल काफी बदहाल स्थिति में हैं. यहीं पर एक पर्वत है, जहां एक गुफा है जिससे शबरी की गुफा कहा जाता है. माना जाता है कि असल में रामायण में वर्णित विशाल पंपा सरोवर यही है, जो आजकल हास्पेट नामक कस्बे में स्थित है.