How To Celebrate Pongal 2025: आज यानी 14 जनवरी 2025 से पोंगल का त्योहार दक्षिण भारतीय राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में मनाया जा रहा है.इन राज्यों में पोंगल त्यौहार चार दिन तक मनाया जाता है. इस पर्व का समापन 17 जनवरी 2025 को होगा. पोंगल का त्यौहार विशेष रूप से किसानों द्वारा मनाया जाता है. पोंगल के माध्यम से कृषक समुदाय के लोग अच्छी फसल के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं. इसके साथ ही पहली बार सफल भगवान को अर्पित किया जाता है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
कैसे मानते हैं पोंगल का पर्व
पोंगल त्योहार के दिन घर की साफ-सफाई की जाती है और भगवान इंद्र की पूजा की जाती है. इसका दूसरा दिन थाई पोंगल के नाम से जाना जाता है. पोंगल के दूसरे दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है और देवता को पकवान बनाकर उनको चढ़ाया जाता है. पोंगल का तीसरा दिन को मट्टू पोंगल माना जाता है. पोंगल के चौथे दिन को लोग कन्नुम पोंगल के नाम से जानते हैं. इस दिन सूर्य देव को दूध, चावल, घी से बने मसाले चढ़ाये जाते हैं.
पोंगल का त्योहार क्यों मनाया जाता है
पोंगल का त्योहार फसल की कटाई के रूप में मनाया जाता है. इस त्योहार को दक्षिण भारतीय के लोग मिलकर मनाते हैं. इस दिन सभी को प्रसाद अर्पित किया जाता है और कहा जाता है। वह समय जब उत्तर भारत में मकर संक्रांति मनाई जाती है. इसी समय पोंगल भी मनाया जाता है. यह त्यौहार सामुदायिक एकता का प्रतीक माना जाता है.
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पोंगल 2025 शुभ मुहूर्त
पोंगल का त्योहार इस साल 14 जनवरी 2025 यानी की आ मनाया जा रहा है. इस दिन थाई पोंगल का संक्रांति क्षण सुबह 09: 03 मिनट तक रहने वाला है. पोंगल के इस मुहूर्त में सूर्य देवता की पूजा करना बहुत ही शुभ होगा.
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