Kumbh Mela 2025: इस बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन हो रहा है. इस दौरान दुनिया भर से साधु-संत, श्रद्धालु संगम नगरी में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचेंगे. लगभग एक महीने तक यहां साधु-संतों समेत श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिलेगा. लेकिन कुंभ मेले में नागा साधु आकर्षण का केंद्र होते हैं. क्योंकि हर व्यक्ति नागा साधु के व्यक्तित्व के बारे में जानना चाहता है. महाकुंभ में बड़ी संख्या में नागा साधु आते हैं. कहा जाता है कि जब भी शाही स्नान होता है तो साधु-संत सबसे पहले नदियों में स्नान करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नागा साधु शाही स्नान में शामिल होने से पहले 17 श्रृंगार करते हैं. आइए जानते हैं उन 17 श्रृंगार के बारे में...
हिंदू धर्म के 16 श्रृंगारों के बारे में बहुत से लोग जानते हैं. जो एक शादीशुदा महिला के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है लेकिन नागा साधु 16 नहीं बल्कि 17 तरह के श्रृंगार करते हैं और उसके बाद उन्हें पवित्र नदी में स्नान करते हैं. आगे जानते हैं नागा साधुओं के 17 श्रृंगार कौन- कौन से हैं
ये हैं 17 श्रृंगार
भभूत, लंगोट, चंदन, चांदी या लोहे के बने पैरों के कड़े, पंचकेश यानी लट्ट को पांच बार घुमाकर लपेटा हुआ, रोली का लेप, अंगूठी, फूलों की माला, हाथों में चिमटा, डमरू, कमंडल, जटाएं, तिलक, काजल, हाथों में कड़ा, विभूति का लेप और रुद्राक्ष आदि हैं
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ये 17 प्रकार के श्रृंगार नागा साधु के जीवन में बहुत खास महत्व रखते हैं और इन 17 प्रकार के श्रृंगारों को करने के बाद ही नागा साधु पवित्र नदी में स्नान करते हैं. महाकुंभ में भी नागा साधुओं को शाही स्नान से पहले यह श्रृंगार करते हैं.
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