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अगर रोगों से हैं बेहाल, तो करें अदरक का इस्‍तेमाल,, मिलेगा फायदा

अदरक का स्‍वाद भले ही हर किसी को पसंद न आए लेकिन इसके लाभों से कोई इंकार नहीं कर सकता है

Updated on: 14 Feb 2021, 03:32 PM

highlights

  • अदरक में है बहुत से गुण जो रोगों से बचाव में सहायक हैं
  • अदरक का प्रयोग लगश्राग 2000 वर्षों से हो रहा है

 

नई दिल्ली:

अदरक (ginger) सभी घर में उपयोग किया जाता है, भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया में शायद ही ऐसा कोई घर होगा जिसमें अदरक वाली चाय नहीं बनाई जाती होगी अदरक सभी घरों में सब्जी में भी इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल अदरक के सेवन से इतना अधिक लाभ होता है कि हर घर में अदरक रोजाना उपयोग में लाया जाता है. अदरक के अंदर कई सारे गुण पाए जाते हैं.  अदरक एक जड़ी-बूटी भी है, और पाचन-तंत्र, सूजन, शरीर के दर्द, सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों में अदरक के इस्तेमाल से फायदे (ginger benefits and uses) मिलते हैं. इतना ही नहीं, ह्रदय रोग, रक्त विकार, बवासीर आदि रोगों में भी अदरक के औषधीय गुण से लाभ मिलता है. इसका उपयोग दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में जैसे तरी वाले केकड़े, अदरक अर्क के मिष्ठान्न और अदरक बिस्कुट आदि के लिए किया जाता है.

लेकिन अदरक ही क्यों है इतना उपयोगी?
अदरक को जड़ के रूप में उगाया जाता है और यह एक लचीली भोजन योग्‍य सामग्री है जिसका सेवन पेय (चाय, बीयर, एले) या खाना पकाने में किया जा सकता है. इसका उपयोग खाद्य पदार्थों को मसालेदार बनाने और प्रिजर्व करने के लिए किया जात है.चीनी चिकित्सा पद्धति में तो पिछले 2000 से अधिक वर्षों से अदरक का इस्‍तेमाल किया जाता है इस पद्धति में कई स्वास्थ्य समस्याओं की रोकथाम करने की सिफारिश की गई है चीनी चिकित्सा पद्धति के अनुसार यह शरीर में ऊर्जा परिसंचरण को बढ़ावा देने और हमारे शरीर की चयापचय दर को बढ़ाने के लिए जाना जाता है.

यहाँ अदरक के कुछ आश्चर्यजनक लाभों की एक सूची पेश है जिसके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे. हालाँकि इनमें से कुछ पर अभी भी बहस चल रही है.

अदरक के फायदे
सामान्य रक्त परिसंचरण बनाए रखता है. अदरक में क्रोमियम, मैग्नीशियम और जस्ता होता है जो रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है, साथ ही ठंड, बुखार और अत्यधिक पसीने को रोकने में मदद करता है. अदरक मोशन सिकनेस से जुड़ी मतली के लिए एक प्रभावी प्रभावी उपाय है. सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन नौसैनिक कैडेटों के एक अध्ययन में पता चला है कि, अदरक पाउडर दिए जाने वालों को कम नुकसान हुआ.

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अवशोषण में सुधार करता है
 अदरक शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों के अवशोषण और उत्तेजना में सुधार करता है. यह गैस्ट्रिक और अग्नाशय एंजाइम स्राव को उत्तेजित करता है.

कोल्ड और फ्लू से बचाव
अदरक का उपयोग हजारों वर्षों से एशिया के आसपास जुकाम और फ्लू के प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता रहा है. यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर के अनुसार वयस्कों में ठंड और फ्लू के लक्षणों का इलाज करने के लिए, 2 बड़े चम्मच अदरक के अर्क के घूंट लें या  गर्म पानी में कटा हुए अदरक की जड़, दिन में दो से तीन बार पीस कर पीने से लाभ होता है.

पेट की तकलीफ का मुकाबला करता है
अदरक पाचन में सहायता करने के लिए आदर्श है,, जिससे भोजन के अवशोषण में सुधार होता है और पेट में दर्द से बचा जा सकता है।.एक वेबसाइट के अनुसार अदरक का इस्‍स्‍तेमाल कई लोग एस्पिरिन और इबुप्रोफेन के समान सूजन को कम करने के लिए भी करते हैं.

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पेट के कैंसर की रोकथाम
मिनेसोटा विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि अदरक कोलोरेक्टल कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा कर सकता है. अदरक में कुछ सबसे शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी फाइटिंग पदार्थ पाए जाते हैं और यह एक प्राकृतिक शक्तिशाली दर्द निवारक है.

सामान्य श्वसन समस्याओं से लड़ता है

यदि आप सामान्य श्वसन रोगों से पीड़ित हैं, जैसे कि खांसी, अदरक आपके फेफड़ों का विस्तार करने और कफ को ढीला करने में सहायक होता है, क्योंकि यह एक प्राकृतिक कफ  निवारक है जो बलगम को हटा देता है. 

डिम्बग्रंथि के कैंसर का इलाज

अदरक पाउडर डिम्बग्रंथि के कैंसर कोशिकाओं में कोशिका मृत्यु को प्रेरित करता है.

प्रतिरक्षा को मजबूत करता है

अदरक प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है.दिन में थोड़ा सा अदरक का सेवन करने से धमनियों से फैटी जमा को रोककर स्ट्रोक के संभावित खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है. यह पेट में बैक्टीरिया के संक्रमण को भी कम करता है, और खराब खांसी और गले में जलन से लड़ने में मदद करता है. अदरक ने मॉर्निंग सिकनेस और पेट फ्लू के इलाज में 75 प्रतिशत की सफलता दर प्रदर्शित की है.

ये अदरक से होने वाले कुछ स्वास्थ्य लाभ हैं।.यह कैसे लिया जा सकता है यह आपके ऊपर है, कुछ लोग कहेंगे कि दिन में 2-3 बार एक कप में कटा हुआ अदरक के 2 चम्मच आदर्श होते हैं. लोग अदरक और शहद को मिलाकर ठंड को शांत करने में इसे दिन में कई बार पी सकते हैं. आप भूख की कमी, बदहजमी, वात-पित्त दोष आदि में अदरक के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं. आप घाव, पथरी, बुखार, एनीमिया और मूत्र रोग में भी अदरक से लाभ ले सकते हैं.

अदरक क्या है? 
भूमि के अन्दर उगने वाले प्रकन्द को आर्द्र अवस्था में अदरक, जबकि सूखी अवस्था में सोंठ कहते हैं. प्राचीन ग्रन्थों में अदरक का उल्लेख पाया जाता है. बहुत सालों से औषधि चूर्ण, काढ़ा, गुटिका (गोली) तथा अवलेह आदि में अदरक का प्रयोग किया जा रहा है. अदरक सुगन्धित होता है. अदरक का पौधा कई वर्षों तक जीवित रहता है.  हर साल प्रकन्द से नई शाखाएं निकलती हैं. इसका प्रकन्द सफेद या पीला रंग का होता है जो बाहर से भूरे रंग का होता है. अदरक में धारियां होती हैं और यह गोलाकार होने के साथ-साथ एक या अनेक भागों में विभाजित होता है.

अनेक भाषाओं में अदरक के नाम 
अदरक का वानस्पतिक नाम Zingiber officinale Rosc. (जिंजिबर ऑफिसिनेल) Syn-Amomum zingiber Linn. है और यह Zingiberaceae  (जिन्जिबेरेसी) कुल का है। अदरक को देश-विदेश में अनेक नामों से जाना जाता है, जो ये हैं

Hindi-अदरक, आदि, सोंठ

English- Wet ginger root (वैट जिंजर रूट), जिंजर (Ginger), जिंजीबिल (Zingibil), कॉमन जिंजर (Common ginger)

Sanskrit-नागर, अदरक, शृङ्गवेर, कटुभद्रा, आर्दिका, विश्वा

Gujarati-आदु (Adu), शुंठ (Sunth),

Tamil-अलाम (Allam), इंजी (Inji)

Bengali-आदा (Ada), शुण्ठी (Shunthi)

Nepali-अदुवा (Aduva)

Arabic-जिंजीबिल रतब (Zinjibil ratab)

Persian-जंजबीले तर (Janjbeele tar), जंजबिल (Zanjabil)


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अदरक के औषधीय गुण 

योग गुरु स्‍वामी रामदेव के अनुसार, सोंठ उष्ण होने से कफ-वात शामक, शोथहर, उत्तेजक, वेदनास्थापक, नाड़ियों को उत्तेजना देने वाली, तृप्तिघ्न, रुचिकारक, दीपन, पाचन, वातानुलोमन, शूल-प्रशमन तथा अर्शोघ्न है. उष्ण होने के कारण हृदय एवं रक्तवह-संस्थान को उत्तेजित करती है. अदरक कटु और स्निग्ध होने के कारण कफघ्न और श्वासहर है. यह मधुर विपाक होने से वृष्य है. तीक्ष्णता के कारण यह स्रोतोवरोध का भी निवारण करती है.