अपसाइकल्ड क्लोदिंग ट्रेंड क्या है? Earth Day 2025 पर जानें इसका महत्व

Earth Day 2025: फास्ट फैशन की वजह से बढ़ रहे प्रदूषण को देख इको फ्रेंडली फैशन, सर्कुलर फैशन और अपसाइकल्ड फैशन जैसे विषयों पर काफी चर्चा हो रही है. आइए इस आर्टिकल में जानते हैं अपसाइकल्ड क्लोदिंग ट्रेंड का मतलब. 

Earth Day 2025: फास्ट फैशन की वजह से बढ़ रहे प्रदूषण को देख इको फ्रेंडली फैशन, सर्कुलर फैशन और अपसाइकल्ड फैशन जैसे विषयों पर काफी चर्चा हो रही है. आइए इस आर्टिकल में जानते हैं अपसाइकल्ड क्लोदिंग ट्रेंड का मतलब. 

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Priya Singh
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Earth Day 2025 Upcycled Clothing Trends

Earth Day 2025, Photograph: (Freepik)

Earth Day 2025: हर साल 22 अप्रैल को अर्थ डे यानी कि पृथ्वी दिवस मनाया जाता है. इस दिन पर्यावरण सुरक्षा और जागरुकता पर बात होती है. जिस चीज का ज़िक्र सबसे ज्यादा होता है, वो है क्लोदिंग वेस्ट. यानी कि कपड़ों का ढेर. कपड़ों के कचरे को लैंडफिल में डंप किया जाता है, जिससे मीथेन गैस निकलती है. इस तरह से ये समुद्री जीवन, मिट्टी और जल सभी को प्रदूषित करते हैं. इसी समस्या का हल निकालने के लिए Fashion इंडस्ट्री अब अपसाइकल्ड क्लोदिंग पर जोर दे रही है. लेकिन ये अपसाइकल्ड क्लोदिंग ट्रेंड है क्या? इसमें क्या होता है? और यह पर्यावरण के लिए किस तरह से उपयोगी है? आइए जानते हैं इस आर्टिकल में. 

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Earth Day 2025: अपसाइकल्ड क्लोदिंग क्या है?

अपसाइकल्ड क्लोदिंग का मतलब पुराने या बेकार हो चुके कपड़ों को नया रूप देकर फिर से पहनने लायक बनाना है. ये कपड़े पूरी तरह से नए जैसे लगते हैं और इनका रंग भी सॉलिड होता है. आसान भाषा में इसे समझें, तो जब हम पुराने कपड़ों को फेंकने की बजाय उन्हें नया डिजाइन देकर दोबारा इस्तेमाल करते हैं, तो इसे Upcycled Clothing Trends कहते हैं. जैसे पुरानी जींस को काटकर शॉर्ट्स बना लेना, या पुराने दुपट्टे से एक स्टाइलिश टॉप तैयार कर लेना. इससे कपड़े बेकार नहीं होते और फैशन भी बना रहता है. 

रिसर्च क्या कहती है?

  • Ellen MacArthur Foundation की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर सेकंड दुनिया में एक ट्रक भर कपड़े या तो जलाए जाते हैं या लैंडफिल (कचरे के ढेर) में डाल दिए जाते हैं. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि फैशन इंडस्ट्री दुनिया के सबसे बड़े प्रदूषकों में से एक बन चुकी है. 
  • UNEP (United Nations Environment Programme) के मुताबिक, एक जोड़ी जींस बनाने में लगभग 7,500 लीटर पानी लगता है, जो एक इंसान की 7 साल की पानी की जरूरत के बराबर है. 
  • Fashion Revolution की रिपोर्ट के अनुसार अगर लोग केवल अपने कपड़ों को 9 महीने ज्यादा पहनें, तो इससे कार्बन उत्सर्जन, वाटर वेस्ट और पॉल्यूशन में 20-30% की कमी आ सकती है. 

अपसाइकलिंग क्यों जरूरी है?

जब हम पुराने कपड़े फेंकते हैं, तो वे लैंडफिल में जाकर मिट्टियों के साथ कैमिकल रिएक्शन करते हैं, जिससे मीथेन गैस बनती है. यह गैस हमारे पर्यावरण के लिए सुरक्षित नहीं है. यह जहरीली गैस का काम करती है. साथ ही इससे धरती पर बोझ पड़ता है. अपसाइकलिंग से पानी और बिजली की बचत होती है. नए कपड़े बनाने में बहुत पानी और एनर्जी लगती है. पुराने कपड़े दोबारा इस्तेमाल करने से ये बच जाता है. Zero Waste Fashion से लोकल कारीगरों को भी काम मिलता है. बहुत से छोटे डिजाइनर और टेलर अपसाइकलिंग करते हैं, जिससे उनका घर चलता है.

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