Earth Day 2025: हर साल 22 अप्रैल को पर्यावरण सुरक्षा और जागरूकता को लेकर पृथ्वी दिवस मनाया जाता है. इस दिन हम पर्यावरण की मौजूदा हालत और उसे बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा-विमर्श करते हैं. जब कभी पर्यावरण को बचाने के उपायों की बात होती है, तो एक विषय बार-बार सामने आता है और वो है इको फ्रेंडली Fashion. इको फ्रेंडली फैशन का मतलब है ऐसे कपड़े बनाना जो पर्यावरण के प्रति संवेदनशील हों और उसका नुकसान कम से कम करें. तो आइए इस पर्यावरण दिवस पर इको फ्रेंडली फैशन के बारे में विस्तार से जानते हैं ताकि हम भी पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त और स्वस्थ बनाने में अपनी भूमिका निभा सकें.
भारत के 5 बेस्ट Sustainable Fashion Brands जो स्टाइल और पर्यावरण दोनों का रखते हैं ख्याल
Earth Day 2025: इको फ्रेंडली फैशन क्या है?
साधारण शब्दों में कहें तो इको फ्रेंडली का मतलब है ऐसे कपड़े बनाना जो पर्यावरण पर कोई बुरा असर न डालें. इसमें क्लोदिंग के लिए इको-फ्रेंडली मटेरियल का इस्तेमाल करना, एथिकल लेबर प्रैक्टिसेस, लंबे समय तक टिकने वाले डिजाइन्स बनाना और सर्कुलर फैशन को अपनाना सभी चीजें शामिल हैं. फास्ट फैशन के दौर में ये Eco Friendly Fashion रूपी बदलाव फैशन और पर्यावरण के बीच एक हेल्दी रिश्ता बनाने में मदद करता है. भारत में कई ऐसे ब्रांड्स हैं, जो ऐसी मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेस फॉलो करते हैं जो न तो वर्कर्स का शोषण करती हैं, न प्रकृति का और न ही कस्टमर्स के लिए नुकसानदायक होती हैं.
इको फ्रेंडली फैशन का टाइमलेस ट्रेंड
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जहां फास्ट फैशन हर सीजन के साथ आउटडेटेड हो जाता है, वहीं इको फ्रेंडली क्लोदिंग सालों-साल ट्रेंड में रहती है. इसकी खासियत इको-फ्रेंडली नेचर, टिकाऊपन और वर्सेटिलिटी है. अगर आप हाई-क्वालिटी, सस्टेनेबल क्लोदिंग में इन्वेस्ट करते हैं, तो इससे न केवल आपका एक वैल्यूएबल वार्डरोब तैयार होता है, बल्कि आपकी पर्सनैलिटी को एक क्लासी लुक भी मिलता है.
इको-फ्रेंडली के अन्य आवश्यक पहलू
अब जब आपने Sustainable Fashion की अहमियत जान ली है, तो आइए जानते हैं कि इसे अपने जीवन में कैसे शामिल कर सकते हैं.
1. इको-फ्रेंडली मटेरियल्स
इको फ्रेंडली फैशन की शुरुआत होती है बायोडिग्रेडेबल मटेरियल से, जो बिना हानिकारक केमिकल्स और पेस्टिसाइड्स के उगाए जाते हैं. इसमें नेचुरल डाई, कॉटन, लिनेन और रिसाइकल्ड फैब्रिक का इस्तेमाल सबसे बेहतर माना जाता है.
2. एथिकल प्रोडक्शन प्रोसेस
इसका मतलब है ऐसा मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम जो कम से कम वेस्ट बनाए, रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल करे और वर्कर्स को हेल्दी वर्किंग कंडीशंस व फेयर वेज दे. तभी इको फ्रेंडली फैशन असल में स्थापित हो पाता है.
3. सर्कुलर फैशन
शायद ये शब्द आप पहली बार सुन रहे हों, लेकिन इसे फॉलो बहुत पुराने समय से किया जा रहा है. इस फैशन ट्रेंड में कपड़ों को कूड़े में फेंकने की बजाय, उनका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरण के लिए कपड़े रेंट पर देना, रफू करवाना, दोबारा बेचना या अपसाइकल करके नया रूप देना. इससे न केवल कपड़ों की लाइफ बढ़ती है, बल्कि कार्बन फुटप्रिंट भी घटता है.
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