Christmas 2025: क्या आपको पता है ईसा मसीह का जन्म कब हुआ था? जानें 25 तारीख को क्रिसमस मनाने का कारण

Christmas 2025: क्रिसमस का पर्व 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है. ईसा मसीह के जन्म की कथा कितनी सही है? आइए विस्तार से जानते हैं Christmas का इतिहास.

Christmas 2025: क्रिसमस का पर्व 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है. ईसा मसीह के जन्म की कथा कितनी सही है? आइए विस्तार से जानते हैं Christmas का इतिहास.

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Namrata Mohanty
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christmas 2025 Photograph: (christmas 2025 pixabey)

Christmas 2025: हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में बड़े उत्साह के साथ क्रिसमस मनाया जाता है. यह दिन ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है. लेकिन क्या सच में ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर को ही हुआ था? हालांकि, इतिहास, धार्मिक ग्रंथों और विद्वानों के अध्ययन से पता चलता है कि इस प्रश्न का सही उत्तर है. आइए जानते हैं ईसा मसीह के जन्म की ऐतिहासिक सच्चाई और 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने के पीछे का कारण क्या है.

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क्या ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था?

बाइबिल में बताया गया है कि ईसा मसीह के जन्म की सटीक तारीख का स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता है. नए नियम (किताब)में उनके जन्म से जुड़ी घटनाएं तो बताई गई हैं जैसे बेथलेहम में जन्म, चरवाहों का आना और पूर्व से आए ज्योतिषियों का दर्शन, लेकिन उनमें भी किसी तारीख का कहीं उल्लेख नहीं मिलता है. कई इतिहासकारों और धर्मशास्त्रियों का मानना है कि ईसा मसीह का जन्म संभवतः मार्च-अप्रैल या शरद ऋतु में हुआ होगा, क्योंकि बाइबिल के अनुसार उस समय चरवाहे खुले मैदानों में भेड़ें चरा रहे थे. यह काम सर्दियों में सामान्य नहीं माना जाता है.

25 दिसंबर को क्रिसमस क्यों मनाया जाता है?

कुछ किताबों और ग्रंथों में बताया गया है कि 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने की परंपरा चौथी शताब्दी के आसपास शुरू हुई थी. रोमन साम्राज्य में उस समय 25 दिसंबर को 'सोल इनविक्टस' नामक एक प्रमुख पर्व मनाया जाता था, जो सूर्य देवता के सम्मान में मनाया जाता था. यह पर्व सर्दियों की संक्रांति के आसपास पड़ता था, जब दिन धीरे-धीरे लंबे होने लगते थे.

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ईसा मसीह है दुनिया का प्रकाश

ईसाई धर्म के प्रसार के दौरान चर्च ने इस लोकप्रिय रोमन पर्व के दिन को ईसा मसीह के जन्मोत्सव के रूप में अपना लिया था. ईसा मसीह को 'दुनिया का प्रकाश' माना जाता है, इसलिए सूर्य के प्रकाश से जुड़े इस दिन को उनके जन्म के प्रतीकात्मक उत्सव के रूप में स्वीकार किया गया.

Christmas का धार्मिक इतिहास

25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने का एक धार्मिक तर्क यह भी है कि ईसा मसीह का गर्भाधान 25 मार्च के आसपास हुआ होगा, जिसे 'एननसिएशन डे' कहा जाता है. यदि गर्भाधान 25 मार्च को हुआ, तो ठीक नौ महीने बाद 25 दिसंबर जन्म की तिथि बनती है. इस गणना के अनुसार, 25 दिसंबर को क्रिसमस के रूप में मनाया जाने लगा था.

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क्रिसमस का महत्व

Christmas सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं रह गया है. इससे प्रेम, शांति, करुणा और भाईचारे का प्रतीक माना जाने लगा है. इस दिन लोग चर्च में प्रार्थना करते हैं, घरों को सजाते हैं, क्रिसमस ट्री (christmas tree) लगाते हैं, एक-दूसरे को उपहार देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं. 

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