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इन आपदों ने 2024 में देश में मचाई तबाही Photograph: (File Photo)
Year Ender 2024: आज से ठीक आठ दिन बाद पूरी दुनिया नए साल का जश्न मना रही होगी और 2024 को अलविदा कह दिया जाएगा. आने वाला हर साल नई उम्मीदें, नए सपने लेकर आता है, लेकिन कई बार ये गहरे जख्म भी देकर जाता है. जैसा कि 2024 में भारत में देखने को मिले. दरअसल, इस साल देश के कई राज्यों में कुदरत का कहर देखने को मिला. जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई और हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई. आज हम आपको देश में आई ऐसी ही कुछ आपदाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें हम शायद कभी नहीं भूल सकते.
केरल के वायनाड में भूस्खलन से मची तबाही
सबसे पहले बात करते हैं केरल के वायनाड में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के बारे में. जिसमें 420 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 47 लोग लापता हो गए. जिनके बारे में आज तक कोई पता नहीं चला. इस भूस्खलन में 397 लोग घायल भी हुए थे. दरअसल, जुलाई के आखिरी सप्ताह में केरल में भारी बारिश हुई, बारिश का ये दौर कई दिनों तक चलता रहा.
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इस दौरान वायनाड में भी भारी बारिश हुई. जिसके चलते 30 जुलाई 2024 वायनाड में भूस्खलन हो गया. जिसने भारी तबाही मचाई. वायनाड जिले के मुंडक्कई, चूरलमाला और मलप्पुरम जिले के नीलांबुर वन क्षेत्र में हुए इस भूस्खलन ने 1500 घरों को तबाह कर दिया. इस भूस्खलन के चलते हजारों लोगों को विस्थापित करना पड़ा. ये भूस्खलन इस साल का सबसे खतरनाक भूस्खलन था.
चक्रवात फेंगल
इसके अलावा इस साल चक्रवात फेंगल ने भी भारी तबाही मचाई. ये चक्रवात 30 नवंबर को पुडुचेरी के पास से गुजरा. जिसके चलते 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. मौसम विभाग के मुताबिक, इस तूफान के चलते पुडुचेरी में 46 सेमी रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई. जिससे सड़कें और खेत- खलिहान पानी में डूब गए. इस चक्रवाती तूफान ने तमिलनाडु में भी भारी नुकसान किया. राज्य के कई जिलों में फसलें जलमग्न हो गई और सड़कें पानी से लबालब हो गई. इस चक्रवाती तूफान का असर पुडुचेरी और तमिलनाडु ही नहीं बल्कि केरल और महाराष्ट्र में भी देखने को मिला.
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हिमाचल बादल फटने से आई बाढ़
वहीं पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी इस साल कुदरत का कहर देखने को मिला. जहां मानसून के मौसम में हुई भारी बारिश के चलते बाढ़ आ गई. राज्य में जून से लेकर अगस्त के बीच भारी बारिश हुई. इस दौरान बादल फगने से बाढ़ का सामना करना पड़ा. इन तीन महीनों के दौरान राज्य में 50 से ज्यादा बादल फटने की घटनाएं हुईं.
इन घटनाओं में करीब 30 लोगों की जान चली गई. जबकि कई लोग लापता हो गए. जिनके शव तक बरामद नहीं किए जा सके. इस साल हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक ने जिन क्षेत्रों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया उनमें लाहौल और स्पीति शामिल हैं. राज्य में बादल फटने से कम से कम 121 घर क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं भूस्खलन की 35 घटनाओं में भी भारी नुकसान हुआ.
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रेमल चक्रवात से भी मची थी तबाही
वहीं उत्तरी हिंद महासागर में पैदा हुए चक्रवाती तूफान रेमल ने भी भारी तबाही मचाई. ये तूफा 26 मई 2024 को आया. इस दौरान 100-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली. ये तूफान पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के सुंदरबन डेल्टा से टकराया. जिससे बंगाल, मिजोरम, असम और मेघालय में कम से कम 30 लोगों की मौत हुई. सबसे ज्यादा नुकसान घास-फूस से बने घरों और झोपड़ियों को हुआ. यही नहीं कई कमजोर इमारतें भी इस तूफान की भेंट चढ़ गईं.
विजयवाड़ा में भी दिखा बाढ़ कहर
यही नहीं भारी बारिश के चलते आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में बाढ़ आ गई. जिसमें 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इस बाढ़ के चलते शहर के तीन लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे. खबरों के मुताबिक, 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच बाढ़ ने इस जिले में भारी नुकसान किया. भारी बारिश के चलते बुडामेरु नदी और कृष्णा नदी उफान पर पहुंच गई. जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया. इसके बाद राज्य के 44,000 से ज्यादा लोगों को दूसरे स्थानों पर विस्ताभपित करना पड़ा.