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सुप्रीम कोर्ट Photograph: (Social Media)
Supreme Court Collegium: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बड़ा कदम उठाया है. उसने कलकत्ता हाईकोर्ट में 5 नए जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. नए जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 25 फरवरी 2025 को हुई बैठक में फैसला लिया. ऐसे में आइए जानते हैं कि किन को कलकत्ता हाईकोर्ट में नियुक्ति का मौका मिला है.
New Delhi: The Supreme Court Collegium has approved the appointment of five new judges to the Calcutta High Court pic.twitter.com/ub4TmOsQsw
— IANS (@ians_india) February 27, 2025
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कलकत्ता हाईकोर्ट में जज के रूप में स्मिता दास डे, रीतोब्रोतो कुमार मित्रा, मोहम्मद तलाय मसूद सिद्दीकी, कृष्णराज ठाकर और ओम नारायण राय नियुक्त किया है.
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क्या है सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम सिस्टम?
कॉलेजियम प्रणाली संसद के किसी अधिनियम या संविधान के प्रावधान द्वारा स्थापित नहीं है. साल 1993 से जजों की नियुक्ति के लिए देश में कॉलेजियम सिस्टम लागू है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के साथ चार वरिष्ठ जज इस कॉलेजियम सिस्टम का हिस्सा होते हैं. ये कॉलेजियम जजों की नियुक्ति और उनके ट्रांसफर की सिफारिश के लिए सरकार से करता है. वहीं, हाई कोर्ट कॉलेजियम में सीजेआई के साथ हाई कोर्ट के दो वरिष्ठ जज शामिल होते हैं.
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कॉलेजियम सिस्टम के लिए संविधान में कोई दिशा निर्देश नहीं है. ये सुप्रीम कोर्ट के फसलों से उपजा एक सिस्टम है. कॉलेजियम सिस्टम में केंद्र सरकार की केवल भूमिका इतनी है कि अगर किसी वकील का नाम हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने के लिए बढ़ाया जा रहा है तो सरकार इंटेलिजेंस ब्यूरो से उनके बारे में जानकारी भर ले सकती है.
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केंद्र सरकार कॉलेजियम की ओर से आए इन नाम पर अपने आपत्ति जाता सकती है और स्पष्टीकरण मांग सकती है. हालांकि अगर कॉलेजियम हम फिर से उन नाम को सरकार आज भेजता है, तो सरकार उन्हें मानने के लिए बाध्य होती है. कानून मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति की मुहर से जजों की नियुक्ति हो जाती है.
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