13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया. शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि ये नीतिगत मामला है और ससंद से इस बारे में कानून बनाने के लिए कहा जा सकता है.
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अदालत का निर्णय और याचिकाकर्ता को राहत
सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने मामले की सुनवाई की. न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, ये मामला नीतिगत है. संसद से कानून बनाने के लिए आप मांग करें. कोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को संबंधित प्राधिकरण के पास जाने की अनुमति दी.
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याचिका में क्या थी मांग
बता दें, ये याचिका जेप फाउंडेशन द्वारा दायर की गई थी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मांग की गई थी कि बच्चों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल को नियंत्रित किया जाए. उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार सहित अन्य संबंधित संस्था को निर्देश दिए जाएं कि ऐज वेरिफिकेशन और बायोमेट्रिक सिस्टम लागू कराया जाए. साथ में याचिका में ये भी मांग की गई थी कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बच्चों की सरक्षा से जुड़े नियमों का पालन करने पर कड़ी सजा दी जाए.
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