सुप्रीम कोर्ट भारत में सर्वोच्च न्यायपालिका है. जब देश के किसी व्यक्ति को कहीं न्याय नहीं मिलता है तो सुप्रीम कोर्ट से ही लोगों को आस होती है. भारत में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही सर्वमान्य होता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कोई भी चुनौती नहीं दे सकता है.
जब किसी व्यक्ति को सेशन कोर्ट, जिला कोर्ट और हाईकोर्ट में न्याय नहीं मिल पाता तो वह सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाता है. कोई भी व्यक्ति ऐसे ही सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में कोई ऐसे ही कोई भी केस फाइल नहीं कर सकता है. कुछ शर्तें इसके लिए पूरी करनी होती है. आइये आज जानते हैं, सुप्रीम कोर्ट से न्याय मांगने का आसान तरीका.
ऐसे मामले ही सुप्रीम कोर्ट में अपील किए जा सकते हैं
सुप्रीम कोर्ट में दो प्रकार से याचिका दायर की जा सकती है. पहला तरीका- सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ वही याचिका दायर की जा सकती है, जो किसी हाईकोर्ट में गई हो और वहां इस याचिका पर फैसला आ गया हो. हाईकोर्ट के फैसले से असंतुष्ट होने पर सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है. इसके अलावा, दूसरा तरीका है, जो किसी के मौलिक अधिकारों से जुड़ा हो, जनहित याचिका हो या फिर कोई राष्ट्रीय मुद्दे जैसे मामलों को सुप्रीम कोर्ट में सीधे दायर की जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट में कैसे करें अपील
सुप्रीम कोर्ट में केस दायर करने के लिए आपको अनुभवी वकील चाहिए, जो सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करता हो. मान लीजिए आप किसी वकील से परिचित नहीं हैं तो आप सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की वेबसाइट पर वकीलों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. वकील आपकी याचिका तैयार करेगा. उसे आपके पूरे केस की जानकारी होनी अनिवार्य है. याचिका में हाईकोर्ट और निचली अदालत का फैसला भी लिखा होगा, जिसमें आपको अपनी असंतुष्टि का कारण भी बताना होगा.
ये दस्तावेज जरुरी हैं
आपको इस दौरान कुछ दस्तावेज भी देने होंगे. जैसे- अदालत के पहले ऑर्डर की कॉपी, आपका पहचान पत्र सहित अन्य दस्तावेज शामिल हैं. आपकी याचिका पहले सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा होगी. रजिस्ट्रार सुनिश्चित करेगा कि याचिका सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार है भी या नहीं. सुप्रीम कोर्ट में केस दाखिल करने के लिए आपको एक फीस देनी होगी. हालांकि, कोर्ट फीस याचिका के टाइप और याचिका के स्तर पर निर्भर करती है.