SC on Gurmeet Ram Rahim Singh Case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बलात्कार के दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को राहत दी है. सर्वोच्च अदालत ने गुरमीत राम रहीम को लेकर दायर की एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया है. यह PIL गुरमीत राम रहीम को मिलीं कई अस्थाई रिहाइयों को चुनौती देने वाली थी. आइए जानते हैं कि शीर्ष अदालत ने पीआईओ को खारिज करते हुए क्या तर्क दिया है.
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क्यों दायर की गई थी PIL
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह बलात्कार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से जेल में हैं. हालांकि, बीच-बीच में गुरमीत राम रहीम जेल से अस्थाई तौर से बाहर आते रहे हैं. इसको ही चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें गुरमीत राम रहीम को 2022 और 2024 के बीच पैरोल (Parole) और फरलो (Furlough) के जरिए मिलीं अस्थाई रिहाईं को जिक्र किया गया था.
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PIL खारिए किए जाने का तर्क
सुप्रीम कोर्ट ने दायर पीआईएल को खारिज किए जाने को लेकर अहम तर्क किया. सर्वोच्च अदालत ने देखा कि पीआईएल विशेष रूप से 2023 में गुरमीत राम रहीम को दी गई फरलो से संबंधित है. इसको लेकर कोर्ट ने सवाल किया कि इसे 2025 में क्यों दी जा रही है. कोर्ट ने पीआईएल की स्थिरता के बारे में चिंता जताई. कोर्ट ने कहा यह एक व्यक्ति के खिलाफ दायर की गई थी. इसमें स्पष्ट रूप से सार्वजनिक हित (Public Interest) का अभाव है.
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