One Nation One Election: ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर आज यानी बुधवार को हुई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक खत्म हो गई है. सुबह 11 बजे शुरू हुई ये मीटिंग दिल्ली में हुई, जिसमें लगभग सभी जेपीसी सदस्य मौजूद रहे. जेपीसी के अध्यक्ष पीपी चौधरी की अध्यक्षता में ये मीटिंग हुई. दूसरी तरफ, ‘एक देश एक चुनाव’ के मसले पर एक बार फिर सियासत तेज हो गई. आइए जानते हैं लोकसभा में पेश हो चुके इस बिल को लेकर किस दल का क्या एजेंडा है?
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पहली बैठक में कौन-कौन?
बैठक में जेपीसी सदस्य के तौर पर बीजेपी से केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सांसद बांसुरी स्वराज, सांसद विष्णु दयाल राम, सांसद संजय जयसवाल और सांसद संबित पात्रा जबकि कांग्रेस की ओर से सांसद सुखदेव भगत, सांसद प्रियंका गांधी और सांसद मनीष तिवारी शामिल रहे. वहीं, सपा, टीएमसी और डीएमके समेत कुछ अन्य दलों के सांसद मौजूद भी रहे.
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देखें: JPC मीटिंग में पहुंचीं प्रियंका गांधी
बैठक में विधि एवं न्यायमंत्रालय के अधिकारी वन नेशन वन इलेक्शन बिल को लेकर जानकारी दी. इसके बाद बिल पर विस्तार से चर्चा की गई. बता दें कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए संसद में पेश हुए 129वें संविधान संशोधन बिल के लिए बनी JPC की पहली बैठक हुई.
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सियासत तेज, किस का क्या एजेंडा?
जेपीसी की पहली बैठक के बीच देश में एक बार फिर वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर सियासत तेज हो गई. सियासी दल इस चुनाव प्रक्रिया को लेकर दो धड़ों में बंटे नजर आए. अमूमन सभी दल वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर अपने-अपने सियासी रूख पर कायम हैं. कांग्रेस बिल के विरोध में हैं और इसे संघीय ढांचे के विरोध में बता रही है. वहीं, बीजेपी ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के फायदे बताने से नहीं थक रही है.
JDU सांसद संजय कुमार झा ने कहा, ‘हमारे नेता नीतीश कुमार 'एक देश-एक चुनाव' के पक्ष में हमेशा बोलते रहे हैं. हमें भी देखना है कि क्या सुझाव दिए जाते हैं हालांकि एक देश एक चुनाव कोई नई अवधारणा नहीं है. देश में यह पहले से होता रहा है लेकिन जब से कांग्रेस ने देश में राष्ट्रपति शासन लगाना शुरू किया उसके बाद से यह स्थिति उत्पन्न हुई. जनता भी यही चाहती है कि एक साथ चुनाव हो और फिर 5 साल आप काम करें.’
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