logo-image

कर्नाटक: पैतृक आवास लाया गया नवीन का शव, होगा सांकेतिक अंतिम संस्कार

रूस-यूक्रेन जंग में अपनी जान गंवाने वाले नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पहुंचा. उनकी मौत 1 मार्च को खारकीव शहर में हुई थी, जब रूसी सेना ने खारकीव पर हमला बोला था.

Updated on: 21 Mar 2022, 10:52 AM

highlights

  • नवीन का शव पहुंचा उनके घर
  • यूक्रेन में रूसी गोलीबारी में गई थी जान
  • परिवार ने शव को मेडिकल कॉलेज को दिया जान

बेंगलुरु:

रूस-यूक्रेन जंग में अपनी जान गंवाने वाले नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पहुंचा. उनकी मौत 1 मार्च को खारकीव शहर में हुई थी, जब रूसी सेना ने खारकीव पर हमला बोला था. इस बीच नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के परिवार ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को यूक्रेन से मेडिकल छात्र और उनके बेटे नवीन का शव लाने के लिए धन्यवाद दिया. नवीन 1 मार्च को खारकीव शहर में रूसी सेना की गोलाबारी के दौरान मारा गया था.

आखिरी दर्शन के लिए रखा गया शव

नवीन के छोटे भाई हर्ष शेखरप्पा ज्ञानगौदर ने बताया कि आखिरी दर्शन के लिए काफी लोग पहुंचे हैं. हम सब इतने समय से उसे देखने के लिए तड़प रहे थे. आखिरकार हम उसे आखिरी बार देख पाएंगे. हर्ष ने राज्य के मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया. बता दें कि नवीन के शव का दाह संस्कार नहीं किया जाएगा. बल्कि सांकेतिक दाह संस्कार किया जाएगा. क्योंकि नवीन के परिजनों ने उनके शव को मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया है. ऐसे में कुछ घंटों के बाद नवीन का शव मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना हो जाएगा.

बता दें कि शव वर्सा पोलैंड से कीव से लाया गया और दुबई के रास्ते बेंगलुरु हवाई अड्डे पर पहुंचा. यहां राज्य के सीएम के अलावा कई मंत्रियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और शव को परिवार को सौंप दिया गया. एक एंबुलेंस के माध्यम से नवीन का पार्थिव शव हावेरी जिले स्थित उनके घर पहुंचा. 

एयरपोर्ट पर मौजूद रहे कांग्रेस एमएलसी सलीम अहमद ने कहा कि वह पार्टी की ओर से नवीन को श्रद्धांजलि देने आए है. उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की मांग की और कहा कि हजारों छात्र पढ़ाई के लिए देश से बाहर जाने को मजबूर हैं. नवीन को यहां एमबीबीएस की सीट 96 फीसदी अंक हासिल करने के बाद भी नहीं मिली थी.

उन्होंने कहा कि नीट में कई खामियां हैं और छात्रों के साथ अन्याय होता है. राज्य के छात्रों को अन्याय नहीं सहना चाहिए. उन्हें अध्ययन का अवसर मिलना चाहिए. सरकार को इस मुद्दे को प्राथमिकता देनी चाहिए और हल करना चाहिए. परिवार को शव सौंपे जाने से पहले मुख्यमंत्री बोम्मई, स्वास्थ्य मंत्री के.सुधाकर और सांसद शिवकुमार उदासी ने नवीन को पुष्पांजलि अर्पित की. परिवार ने घोषणा की है कि वे अनुष्ठान के बाद एक निजी मेडिकल कॉलेज को शरीर दान करेंगे.