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UAE का कोरोना प्रसार पर बड़ा फैसला, भारतीय यात्रियों पर 10 दिन की रोक

यूएई ने भारतीय यात्रियों पर 10 दिन के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. यूएई का प्रतिबंध 25 अप्रैल से 4 मई तक लागू रहेगा.

Updated on: 23 Apr 2021, 08:29 AM

highlights

  • यूएई का भारतीय यात्रियों पर 10 दिन के लिए प्रतिबंध
  • यूएई का प्रतिबंध 25 अप्रैल से 4 मई तक लागू रहेगा
  • ब्रिटेन औऱ हांगकांग पहले ही उठा चुके हैं ऐसा कदम

नई दिल्ली:

देश में कोरोना (Corona Virus) महामारी के बढ़ते कहर के बीच एहितियातन कई देश भारत से फ्लाइट सेवा को रद्द करते जा रहे हैं. ब्रिटेन ने तो भारत को रेड लिस्ट में डाल दिया है. इसके पहले हांगकांग अपनी फ्लाइट्स सुविधा को बंद कर चुका है. अब भारत में महामारी की रफ्तार को देखते हुए संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE) ने बड़ा फैसला लिया है. यूएई ने भारतीय यात्रियों पर 10 दिन के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. यूएई का प्रतिबंध 25 अप्रैल से 4 मई तक लागू रहेगा. अभी दो दिन पहले ही ब्रिटेन (Britain) ने भारत को उन देशों की 'रेड लिस्ट' में डाल दिया है, जिसके तहत गैर-ब्रिटिश और आइरिश नागरिकों के भारत से ब्रिटेन जाने पर पाबंदी रहेगी. साथ ही विदेश से लौटे ब्रितानी लोगों के लिये होटल में 10 दिन तक पृथकवास में रहना अनिवार्य कर दिया है.

ब्रिटेन ने भारत को डाला रेड लिस्ट में
स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के तथाकथित भारतीय स्वरूप से पीड़ित होने के 103 मामले सामने आए हैं. इनमें से अधिकतर मामले विदेश से लौटे यात्रियों से संबंधित हैं. ब्रिटेन के अलावा पाकिस्तान भी भारत से यात्रा पर दो सप्ताह की रोक लगा चुका है. पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए कहा कि अगले दो सप्ताह तक वायु और सड़क मार्ग के जरिए भारत से यात्री पाकिस्तान नहीं आ पाएंगे.

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भारत में कोरोना वायरस का नया स्वरूप
भारत में कोरोना वायरस के एक नए स्वरूप का पता लगा है जो तेजी से फैल सकता है और मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से बच निकलने में सक्षम है. वैज्ञानिकों के अनुसार हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नए स्वरूप के कारण देश में या पश्चिम बंगाल में वायरस से संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. नए स्वरूप का पता सबसे पहले पश्चिम बंगाल में ही लगा था. नए स्वरूप को बी.1. 618 नाम दिया गया है जो बी.1. 617 से अलग है और इसे दोहरे उत्परिवर्तन वाले वायरस के रूप में भी जाना जाता है. माना जा रहा है कि भारत में दूसरी लहर में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि के पीछे यही स्वरूप है.

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कोविड संबंधी उचित व्यवहार का करें पालन
सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (सीएसआईआर-आईजीआईबी), नयी दिल्ली के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा, 'चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. मानक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि बी.1.618 के संबंध में जांच की जा रही है. बी.1.618, भारत में मुख्य रूप से पाए जाने वाले सार्स-सीओवी-2 का एक नया स्वरूप है. गुरुवार को संक्रमण के 3.14 लाख नए मामले सामने आने के बाद पैदा हुयी चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए वैज्ञानिकों ने अधिक शोध और कोविड संबंधी उचित व्यवहार के पालन पर जोर दिया.