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Remdesivir वेंटिलेटर की जरूरत वाले मरीजों पर नहीं है प्रभावी

रेमडेसिविर (Remdesivir) एक एंटीवायरल दवा है, जो मृत्युदर को कम करने में कोई प्रभाव नहीं डालती और यह उच्च ऑक्सीजन (Oxygen) सहायता या वेंटिलेटर की जरूरत वाले मरीजों के लिए कारगर नहीं है.

Updated on: 23 Apr 2021, 08:09 AM

highlights

  • रेमडेसिविर वेंटिलेटर की जरूरत वाले मरीजों के लिए कतई कारगर नहीं
  • कोविड-19 से संक्रमित होने के पहले सात से आठ दिनों में इस्तेमाल करें
  • मृत्युदर कम करने के लिए निश्चित प्रभाव वाली एकमात्र दवा स्टेरॉयड है

चंडीगढ़:

रेमडेसिविर (Remdesivir) एक एंटीवायरल दवा है, जो मृत्युदर को कम करने में कोई प्रभाव नहीं डालती और यह उच्च ऑक्सीजन (Oxygen) सहायता या वेंटिलेटर की जरूरत वाले मरीजों के लिए कारगर नहीं है. यह बात स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने यहां कही. पीजीआईएमईआर में एनेस्थीसिया और गहन देखभाल विभाग के प्रमुख जी.डी. पुरी ने कहा कि यदि दवा का तर्कसंगत उपयोग किया जाना है, तो इसे कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित होने के पहले सात से आठ दिनों के भीतर इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसका इस्तेमाल सिर्फ ऐसे मरीजों पर किया जाना चाहिए, जिसकी सांस से कमरे में हवा के हाइपोक्सिया विकसित होते हों, यानी जिसकी ऑक्सीजन संतृप्ति 94 प्रतिशत से कम हो.

वेंटिलेटर सपोर्ट के मरीजों के लिए फायदेमंद नहीं
रेमडेसिविर कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए अमेरिकी एफडीए द्वारा अनुमोदित पहली दवा थी. उन्होंने कहा, 'यह उन रोगियों के लिए 10 दिनों के बाद फायदेमंद होने की संभावना नहीं है जो पहले से ही वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. इस दवा में गुर्दे को खराब करने की क्षमता है और इससे अतालता (एनहायथमिया) हो सकती है, इसलिए इसे सावधानी के साथ और सख्त निगरानी में उपयोग करने की जरूरत है. इसलिए रेमडेसिविर का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए.'

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मृत्युदर कम करने के लिए स्टेरॉयड का प्रयोग 
पुरी ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार रोगियों में मृत्युदर को कम करने के लिए निश्चित प्रभाव वाली एकमात्र दवा स्टेरॉयड (डेक्सामेथासोन) है, जो तभी फायदेमंद होती है, जब कोविड पॉजिटिव मरीज हाइपोक्सिया विकसित करता है. डॉक्टर ने चेतावनी दी कि रूम एयर हाइपोक्सिया विवकसित न कर पाने वाले रोगियों में स्टेरॉयड का उपयोग मृत्युदर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है. स्टेरॉयड का उपयोग भी चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत विवेकपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए.

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टॉसिलाइजुमैब प्रतिरक्षा प्रणाली करे मजबूत
टॉसिलाइजुमैब के उपयोग पर, उन्होंने कहा कि यह मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को काबू में रखने वाला यंत्र है और इसके जरिए तेजी से 'साइटोकिन स्टॉर्म्स' को नियंत्रित करने के लिए संकेत दिया जाता है. पुरी ने कहा कि इसका उपयोग कर रोगी की नैदानिक स्थिति को सही दिशा दी जाती है. उन्होंने कहा कि चूंकि यह रोगियों में द्वितीयक जीवाणु संक्रमण की घटनाओं को बढ़ा सकता है, इसलिए इसका उपयोग महत्वपूर्ण जीवाणु या कवक संक्रमणों से निपटने के बाद ही किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि यह उपलब्ध नहीं हो, तो मरीज की अच्छी तरह देखभाल करने के साथ स्टेरॉयड और वेंटिलेटर की मदद दी जा सकती है.