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'सुशांत सिंह राजपूत चरित्रहीन एक्टर, जो नाकामी बर्दाश्त नहीं कर सका'

सुशांत की मौत में दोषियों को बचाने का आरोप झेल रही शिवसेना (Shivsena) ने एम्स के डॉक्टर की रिपोर्ट को आधार बनाकर सुशांत को चरित्रहीन करार देते हुआ ऐसा शख्स बताया है, जो नाकामी बर्दाश्त नहीं कर सका.

Updated on: 05 Oct 2020, 12:53 PM

मुंबई:

सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के कथित सुसाइड के बाद जांच को लेकर सवालों के घेरे में आई महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) सरकार इस मामले में राजनीतिक तौर पर भी काफी झटके खा चुकी है. बॉलीवुड में ड्रग माफिया और सुशांत के पक्ष में आवाज उठाने वाली कंगना रानौत (Kangana Ranaut) पर शिवसेना सांसद संजय राउत की गाली-गलौच वाली टिप्पणी पर तो काफी हंगामा बरपा. अब इन्हीं संजय राउत (Sanjay Raut) के संपादन में निकलने वाले शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में सुशांत सिंह राजपूत पर टिप्पणी ने नए सिरों से विवादों को जन्म दे दिया है. सुशांत की मौत में दोषियों को बचाने का आरोप झेल रही शिवसेना (Shivsena) ने एम्स के डॉक्टर की रिपोर्ट को आधार बनाकर सुशांत को चरित्रहीन करार देते हुआ ऐसा शख्स बताया है, जो नाकामी बर्दाश्त नहीं कर सका.

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विफलता औऱ निराशा से ग्रस्त थे सुशांत
शिवसेना ने ‘सामना’ में सुशांत सिंह राजपूत के चरित्र पर निशाना साध कई आपत्तिजनक बातें लिखी हैं. शिवसेना ने एक्टर को ड्रग्स लेने वाला और चरित्रहीन शख्स बताया. एम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा गया, 'सीबीआई जांच में पता चला कि सुशांत एक चरित्रहीन और चंचल कलाकार था. सुशांत सिंह विफलता और निराशा से ग्रस्त था. जीवन में असफलता से वह खुद को संभाल नहीं पाया. इसी कशमकश में उसने मादक पदार्थों का सेवन करना शुरू कर दिया. फिर एक दिन फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी.'

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रोज होती बेइज्जती
सामना में आगे लिखा गया है, ‘सीबीआई जांच में सामने आया है कि सुशांत सिंह चरित्रहीन थे. बिहार की पुलिस को हस्तक्षेप करने दिया होता, तो शायद सुशांत और उसके परिवार की रोज बेइज्जती होती. बिहार चुनाव में प्रचार के लिए कोई मुद्दा नही होने की वजह से नीतीश कुमार और वहां के नेताओं ने यह मुद्दा उठाया. इसके लिए राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर को वर्दी में नचाया. आखिरकार ये महाशय नीतीश कुमार की पार्टी में शामिल हो गए’.

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हो मानहानि का केस
सामना में यह भी कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार को उन नेताओं और चैनलों पर मानहानि का केस करना चाहिए, जो मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाकर उसकी छवि खराब कर रहे थे. ऐसे बेईमान लोगों के खिलाफ मराठी जनता को एक भूमिका लेनी चाहिए. आगे लिखा गया, 'कई गुप्तेश्वर आये और गए, लेकिन मुंबई पुलिस की प्रतिष्ठा का झंडा लहराता रहा. अगर सुशांत सिंह के ऊपर मौत के बाद मामला चलाने की कानूनी व्यवस्था होती, तो ड्रग्स मामले में सुशांत पर मादक पदार्थों के सेवन का मुकदमा चलता.'

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कंगना रनौत पर भी कसा तंज
शिवसेना ने इस मामले में बढ़-चढ़कर बयान देने वाली कंगना रनौत पर भी निशाना साधा. सामना में लिखा, 'सुशांत की मौत को जिन्होंने भुनाया, मुंबई को पाकिस्तान और बाबर की उपमा दी, वह अभिनेत्री अब किस बिल में छिपी है. हाथरस में एक युवती को बलात्कार के बाद मार डाला गया, इस पर इस अभिनेत्री ने आंखों में ग्लिसरीन डालकर भी दो आंसू नहीं बहाए. जिन्होंने बलात्कार किया वह इस अभिनेत्री के भाई बंधु हैं क्या?’