लॉड्स में इन 5 भारतीय बल्लेबाजों ने बनाए हैं सबसे ज्यादा रन, विराट ही नहीं सचिन का नाम भी लिस्ट में नहीं शामिल
हरियाणा : कैबिनेट मंत्री विज को अपने विभाग में घोटाले का शक, जांच के लिए लिखा पत्र
उत्तर प्रदेश में राजकोषीय बचत से भी अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण
जन्मदिन विशेष : भारत को वो स्पिनर, जिसने पहले ही मैच में अपनी बल्लेबाजी से कीवियों को किया था परेशान
निधि अग्रवाल ने फिल्म 'सिंगल' की तारीफ की, बताया - एक मजेदार यात्रा
मेट्रो में छलांग लगाकर युवती बैठ गई यात्री की गोद में, देख लोगों ने कहा, दिल्ली मेट्रो का विदेशी वर्जन
कब्ज से लेकर डायबिटीज तक फायदेमंद है ये जलेबी, जानिए इसके फायदे
निष्क्रिय जनधन खातों को बंद करने की रिपोर्ट्स का सरकार ने खंडन किया
अस्थमा मरीजों के लिए जानलेवा हो सकता है मानसून, संक्रमण से बचने के लिए बरतें खास सावधानी

भारत में महिलाओं की स्थिति केन्या से भी खराब, UNDP की रिपोर्ट में आया सामने

भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नारा दे रहे है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. भारत में महिलाओं की स्थिति बेहद ही खराब है.

भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नारा दे रहे है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. भारत में महिलाओं की स्थिति बेहद ही खराब है.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
भारत में महिलाओं की स्थिति केन्या से भी खराब, UNDP की रिपोर्ट में आया सामने

भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नारा दे रहे है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. भारत में महिलाओं की स्थिति बेहद ही खराब है. लैंगिक समानता के संबंध में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में महिलाओं की हालत इंडोनेशिया, केन्या, सेनेगल, कोलंबिया और अल सल्वाडोर से भी खराब है.

Advertisment

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम(UNDP) द्वारा तैयार रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में आर्थिक प्रगति के साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी तेजी आई है. भारतीय महिलाओं में कुपोषण का स्तर बहुत ज्यादा है. इतना ही नहीं बाल विवाह और 18 साल की उम्र से पहले जबरन शादी के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है.

और पढ़ें : महिलाओं के लिए शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता जरूरी : शबाना आजमी

रिपोर्ट की मानें तो भारत में रक्ताल्पता यानी एनीमिया से ग्रस्त महिलाओं की संख्या इंडोनेशिया, केन्या, सेनेगल, कोलंबिया और अल सल्वाडोर के मुकाबले दोगुनी है.
प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता, सशक्तिकरण और महिलाओं की आर्थिक स्थिति का पैमाने को आधार बनाते हुए भारत, इंडोनेशिया, केन्या, सेनेगल, अल सल्वाडोर और कोलंबिया में सर्वे कराया गया.

वहीं, सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि लैंगिक समानता के लिहाज से देखें तो 2018 में भारतीय संसद में महिलाओं की संख्या सबसे कम, महज 12 प्रतिशत है. सेनेगल के संसद में महिला प्रतिनिधियों की संख्या 42 प्रतिशत है.

और पढ़ें : World Heart Day: पुरुष ही नहीं महिलाओं में भी बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, ऐसे रखें दिल का ख्याल

Source : News Nation Bureau

PM modi UN UNDP India Women indian women Un report Survey of civil societies
      
Advertisment