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अयोध्या विवाद: सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, मुस्लिम समाज प्रस्ताव मान ले नहीं तो 2018 में लाएंगे कानून

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि मुस्लिम समाज हमारा प्रस्ताव मान ले नहीं तो 2018 में जब राज्यसभा में बीजेपी का बहुमत होगा तो कानून बनाकर मंदिर बनाया जाएगा।

Updated on: 22 Mar 2017, 11:15 AM

highlights

  • बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, मुस्लिम समाज हमारा प्रस्ताव मान ले
  • स्वामी ने कहा, प्रस्ताव नहीं मानने पर 2018 में राज्यसभा में बीजेपी का बहुमत होगा तो कानून बनाकर मंदिर बनाया जाएगा
  • सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर कहा है कि दोनों पक्षों के बीच समझौता सबसे बेहतर होगा

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या मंदिर विवाद पर टिप्पणी के बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि मुस्लिम समाज हमारा प्रस्ताव मान ले नहीं तो 2018 में जब राज्यसभा में बीजेपी का बहुमत होगा तो कानून बनाकर मंदिर बनाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को न्यायिक तरीके से सुलझाने की बजाय इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान निकालना बेहतर है। जिसका भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और सरकार ने स्वागत किया है। जबकि मुस्लिम संगठनों ने कोर्ट के बाहर सुलह की बात से इनकार किया है।

स्वामी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, '1994 में सुप्रीम कोर्ट ने जिस हिस्से को रामजन्मभूमि करार दिया है, वहां रामलला विराजमान हैं और उनकी रोज पूजा हो रही है। क्या कोई उनको वहां से हटा सकता है?'

राम मंदिर से जुड़े रहे सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'सरयू नदी के उस पार मस्जिद बनाने का मेरा प्रस्ताव मुस्लिम समाज को मान लेना चाहिए। अगर मुस्लिम समाज हमारा प्रस्ताव नहीं मानता है तो साल 2018 में राज्यसभा में बहुमत होने के बाद मंदिर बनाने के लिए कानून बनाएंगे।'

आपको बता दें की सुब्रमण्यम स्वामी ने 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देती याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक पीठ गठित करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के आदेश में कहा गया था कि विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के बीच अयोध्या भूमि का बंटवारा कर दिया जाना चाहिए।

स्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच समझौता सबसे बेहतर होगा, मामले में मध्यस्थ की भूमिका अदा करने का प्रस्ताव भी रखा। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह न्यायिक पहलू से मामले की सुनवाई नहीं करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जगदीश सिंह केहर केहर ने बीजेपी नेता स्वामी से कहा, 'आप किसी को भी चुन सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि मैं मध्यस्थता करूं तो मैं मामले की (न्यायिक पहलू से) सुनवाई नहीं करूंगा। या अगर आप चाहें तो मेरे भाई (न्यायमूर्ति कौल) को चुन सकते हैं। विवाद हैं। आप सभी साथ बैठकर फैसला करें।'

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हालांकि वक्फ बोर्ड ने मामले का समाधान कोर्ट से बाहर किए जाने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि यह काफी समय से अदालत में लंबित है।

बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा, 'मसले का शांतिपूर्ण समाधान नहीं हो सकता। यह मामला अदालत में ही सुलझ सकता है। आखिरकार, मामला लंबे समय से अदालत में लंबित है।'

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