मोदी है तो मुमकिन हैः रूस ने निभाई भारत से दोस्ती, चीन को नहीं देगा S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम

रूस ने चीन (China) को मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 की आपूर्ति नहीं करने का फैसला किया है. इसे चीन के खिलाफ एक हो रहे देशों के बीच भारत की जीत बतौर देखना होगा.

रूस ने चीन (China) को मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 की आपूर्ति नहीं करने का फैसला किया है. इसे चीन के खिलाफ एक हो रहे देशों के बीच भारत की जीत बतौर देखना होगा.

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Nihar Saxena
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पुतिन ने निभाई मोदी से दोस्ती. S-400 पर चीन को दिखाया ठेंगा.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की यह एक बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत है. कल तक जो मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठा रहे थे, उन्हें अब चुप हो जाना चाहिए. अमेरिका (America) के आगे रूस (Russia) जैसे परंपरागत दोस्त की अनदेखी करने वाली मोदी नीति पर सवालिया निशान लगाने वालों को जानकर आश्चर्य होगा कि रूस ने चीन (China) को मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 की आपूर्ति नहीं करने का फैसला किया है. इसे चीन के खिलाफ एक हो रहे देशों के बीच भारत की जीत बतौर देखना होगा. जाहिर है बिलबिलाए चीन आरोप लगाया है कि एक अन्य देश के दबाव में रूस ने यह फैसला किया है.

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चीन को यह भी नहीं पता कि कब मिलेगा डिफेंस सिस्टम
भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से जारी तनाव के बीच रूस ने फिलहाल चीन को एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति रोक दी है. बीते दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के रूस दौरे के दौरान पुतिन सरकार ने भारत को वक़्त पर S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति देने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की थी. चीन के लिए ये बड़ा झटका इसलिए भी है क्योंकि एक तरफ रूस ने भारत से वक़्त पर आपूर्ति का वादा किया है वहीं चीन की न आपूर्ति रोकी है बल्कि यह भी नहीं बताया है कि यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम उसे फिर कब दिया जाएगा.

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चीन का आरोप एक देश के दबाव में लिया गया फैसला
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, 'इस बार रूस ने साफ कर दिया है कि वह चीन को एस-400 मिसाइल की आपूर्ति रोक रहा है. चीन की एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है- इस कदम से साफ हो जाता है कि सिर्फ हथियार खरीद का समझौता करने से कुछ नहीं होता. जरूरी यह है कि सिर्फ बिल नहीं वे हथियार भी आपको मिलें. इस रिपोर्ट में आगे कहा गया, चीन यह मानता है कि रूस ने दबाव में एस-400 की डिलिवरी रोकी है. चीन ने तो अपने सैनिकों को इस मिसाइल की ट्रेनिंग के लिए रूस तक भेज दिया था. चीन का स्पष्ट मानना है कि रूस ने दबाव में फैसला लिया है.

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S-400 की ताकत

  • बॉम्बर्स, जेट्स, स्पाई प्लेन्स, मिसाइलों और ड्रोन्स के अटैक को ट्रेस कर उन्हें नेस्तनाबूद करने में सक्षम.
  • 36 लक्ष्यों पर एक साथ निशाना साध सकता है यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम.
  • 100 से 300 हवाई टारगेट को भांप सकती है यह सिस्टम.
  • 600 किलोमीटर दूर तक निगरानी करने की है क्षमता.
  • 400 किलोमीटर तक मिसाइल को मार गिराने की क्षमता.
  • 36 लक्ष्यों पर एक साथ निशाना लगा सकती है 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर.
  • अमेरिका के सबसे आधुनिक एफ-35 को भी मार गिराने की क्षमता.
  • 5 मिनट के भीतर इस मिसाइल प्रणाली को तैनात किया जा सकता है.
  • एस-400 एक ऐसी प्रणाली है जो बैलेस्टिक मिसाइलों से बचाव करता है.

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