logo-image

अंबाला में लैंडिंग से 20 मिनट पहले बदला गया था राफेल का लैंडिंग डायरेक्शन, ये वजह आई सामने

राफेल (Rafale) विमान अंबाला एयरबेस (Ambala Airbase) पर पहुंच चुके हैं. अंबाला में राफेल की लैंडिंग सुरक्षा के लिहाज से एयरफोर्स के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी.

Updated on: 30 Jul 2020, 08:37 AM

अंबाला:

राफेल (Rafale) विमान अंबाला एयरबेस (Ambala Airbase) पर पहुंच चुके हैं. अंबाला में राफेल की लैंडिंग सुरक्षा के लिहाज से एयरफोर्स के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी. राफेल को अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित लैंड कराने के लिए एयरफोर्स ने बेहद जबरदस्त प्लानिंग तैयार कर रखी थी. राफेल की सुरक्षित लैंडिंग के लिए रेकी की जिम्मेदारी एयरफोर्स के चीता हेलीकॉप्टर को दी गई थी. इसी हेलीकॉप्टर की रेकी के बाद सुरक्षा के मद्देनजर राफेल की लैंडिंग डायरेक्शन ऐन वक्त पर बदल दी गई.

यह भी पढ़ेंः Rajasthan Political crisis LIVE: खेमेबंदी में जुटे गहलोत और पायलट गुट, हाईकोर्ट में सुनवाई आज

20 मिनट पहले बदला गया लैंडिंग डायरेक्शन
एयरफोर्स ने सुबह से ही लैंडिंग के लिए पूरी तैयारी कर ली थी. सुबह से ही यह हेलीकॉप्टर आसमान में मौजूदा हालातों का जायजा ले रहा था. राफेल विमानों की लैंडिंग से ठीक 20 मिनट पहले इस चीता हेलीकॉप्टर में अपना रेकी अभियान खत्म किया. चीता के रेकी अभियान से मिले फीडबैक के बाद तुरंत राफेल की लैंडिंग डायरेक्शन भी एहतियातन बदल दी गई. सूत्रों ने बताया कि इन राफेल विमानों ने पश्चिम दिशा की ओर से अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में लैंड करना था.

अमूमन इस एयरफोर्स स्टेशन में तैनात सभी लड़ाकू विमान भी इसी दिशा से लैंड करते हैं. मगर पाबंदी के बावजूद भी अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के पश्चिमी छोर पर बसी कालोनियों के लोग राफेल का दीदार करने अपनी छतों पर चढ़ गए. इसके अलावा पश्चिमी छोर पर अचानक बड़े परिंदों की आवाजाही भी आसमान में देखी गई. इन्हीं हालातों को देखते हुए राफेल की लैंडिंग डायरेक्शन को बदलकर पश्चिम की बजाय पूर्वी छोर कर दिया गया. जबकि इससे पहले चीफ ऑफ एयर स्टाफ स्पेशल विमान भी पश्चिमी छोर से उतरा था.

यह भी पढ़ेंः मॉरीशस में सुप्रीम कोर्ट के नए भवन का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, मॉरीशस के पीएम भी रहेंगे सााथ

इसलिए महफूज है अंबाला एयरफोर्स का पूर्वी छोर
अंबाला एयरफोर्स स्टेशन अपने पूर्वी छोर को ज्यादा महफूज मानता है. इसकी बड़ी वजह यह है कि इस पूर्वी छोर के बहुत बड़े हिस्से में अंबाला आर्मी बेस कैंप बना हुआ है. इसलिए एयरफोर्स इस बात से काफी आश्वस्त थी कि यदि राफेल विमानों की लैंडिंग पूर्वी छोर से करवाई जाए तो ज्यादा सुरक्षित रह सकती है. इस छोर पर मौजूद आर्मी बेस कैंप में आवाजाही भी सिविल इलाके की अपेक्षाकृत कम और पाबंदी पूर्ण रहती है.