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प्रधानमंत्री का चंपा को सुझाव, जैविक खाद का ऑनलाइन विक्रय करें

प्रधानमंत्री का चंपा को सुझाव, जैविक खाद का ऑनलाइन विक्रय करें

Updated on: 13 Aug 2021, 01:45 AM

भोपाल 12 अगस्त:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की कृषि क्षेत्र में कार्य कर रही सामुदायिक स्त्रोत व्यक्ति (सीआरपी) चंपा सिंह को सुझाव दिया है कि वे जैविक खाद, कीटनाशक एवं अन्य उत्पाद ऑनलाइन बेवसाइट के माध्यम से बेचें ताकि ज्यादा से ज्यादा मुनाफा भी कमा सकें।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को देश के पांच राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, तमिलनाडु और मणिपुर की समूहों से जुड़ी आत्म-निर्भर महिलाओं से संवाद किया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह से जुड़ी अनूपपुर जिले की मास्टर सामुदायिक स्त्रोत व्यक्ति (सीआरपी) चंपा सिंह से सीधा संवाद किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने चंपा के अनुभव सुनने के बाद सुझाव दिया कि वह जैविक खाद, कीटनाशक एवं अन्य उत्पाद ऑनलाइन बेवसाइट के माध्यम से बेचें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सकें। इससे मुनाफा तो होगा ही साथ में लोगों को कम लागत एवं उन्नत जैविक कृषि के लिये उनके अनुभवों का लाभ भी आसानी से मिल सकेगा।

चंपा सिंह ने बताया कि बचपन में पिता का देहांत होने के बाद बड़ी मुश्किलों से उनकी मां ने पालन-पोषण कर विवाह किया। दुर्भाग्यवश विवाह के दो माह बाद ही पति का देहांत हो गया। इस विकट परिस्थिति से जूझने में सबसे बड़ा सहारा आजीविका मिशन के समूह से मिला। समूह से जुड़ने के बाद 100 से अधिक प्रशिक्षण प्राप्त किये, जो अलग-अलग विषयों पर आधारित थे। इनमें से एक कृषि सखी प्रशिक्षण भी था। कृषि सखी का प्रशिक्षण लेकर अपने क्षेत्र के साथ अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश सहित साढ़े पांच हजार महिला किसानों को प्रशिक्षण दिया।

चंपा सिंह ने बताया कि प्रारंभ में 75 हजार रुपए का ऋण स्व-सहायता समूह से तथा मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना से एक लाख रुपए का ऋण लिया था। इस राशि से कृषि किसान सेवा केन्द्र खोला। केन्द्र पर जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, नीमास्त्र, बृह्मास्त्र, आग्नि आस्त्र बेचना शुरू किया। ये सब जैविक हैं जो घर में बनाये जाते हैं। पहले मां-बेटी मिलकर साल में 50 हजार भी नहीं कमा पाती थीं और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता था। अब साल में लगभग ढाई से तीन लाख रुपए की आय हो जाती है।

चर्चा के दौरान चंपा का आत्म-विश्वास एवं बेवाकी से उत्तर देने का लहजा देखकर प्रधानमंत्री ने बार-बार प्रशंसा की।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों का गठन कर ग्रामीण निर्धन परिवारों को संगठित करते हुए उनके आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण के लिये काम किया जा रहा है। समूह सदस्यों को समूहों, ग्राम संगठनों, संकुल स्तरीय संघों के माध्यम से तथा बैंक ऋण के रूप में सस्ती ब्याज दरों पर आसान प्रक्रिया से वित्तीय सहायता की जाती है। इससे उन्हें बिना कठिनाई के आजीविका गतिविधियां शुरू और सु²ढ़ करने का अवसर मिलता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.