Kya Kehta Hai Islam: मृत्यु के बाद क्या होता है आत्मा के साथ, इस्लाम धर्म में छिपा है मौत के बाद का पूरा सच

Kya Kehta Hai Islam: अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं कि मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है, तो आइए जानते हैं. इस्लाम क्या कहता है?

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Inna Khosla
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Kya Kehta Hai Islam

Kya Kehta Hai Islam( Photo Credit : social media)

Kya Kehta Hai Islam: इस्लाम में, मृत्यु को सांसारिक जीवन की समाप्ति और उसके बाद के जीवन की शुरुआत माना जाता है. मृत्यु के समय, आत्मा शरीर से अलग हो जाती है और बरज़ख नामक एक अंतरिम अवस्था में प्रवेश करती है. बरज़ख में, व्यक्ति अपने जीवन के कर्मों का सामना करता है और क़यामत (प्रलय) का इंतजार करता है. क़यामत के दिन, सभी लोगों को उनके कर्मों के आधार पर न्याय किया जाएगा और उन्हें जन्नत (स्वर्ग) या जहन्नुम (नरक) भेजा जाएगा. जन्नत को अनन्त आनंद और सुख का स्थान माना जाता है, जबकि जहन्नुम को अनन्त पीड़ा का स्थान माना जाता है.

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मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में इस्लामी शिक्षाओं

क़ब्र में पूछताछ: मृत्यु के बाद, दो फरिश्ते, मुनकर और नकीर, कब्र में मृत व्यक्ति से उसके विश्वास और कर्मों के बारे में सवाल पूछेंगे. कब्र में, मुनकर और नकीर नामक दो फरिश्ते मृत व्यक्ति से उसके विश्वास और कर्मों के बारे में सवाल पूछेंगे. यदि व्यक्ति ने सही उत्तर दिए, तो उसे जन्नत की खुशखबरी दी जाएगी. यदि उसने गलत उत्तर दिए, तो उसे जहन्नुम की यातना का अनुभव होगा. व्यक्ति ने पापी जीवन जिया है, तो उसे कब्र में यातना का सामना करना पड़ सकता है. कब्र को तंग और अंधेरा बनाया जाएगा, और उसे आग से घेर दिया जाएगा. नेक लोगों के लिए, बरज़ख जन्नत का एक नमूना होगा. उन्हें शांति और आनंद का अनुभव होगा, और वे क़यामत का इंतजार शांति से करेंगे.

सिरत: क़यामत के दिन, सभी लोगों को सिरत नामक एक पुल से गुजरना होगा. यह पुल जहन्नुम के ऊपर से होकर गुजरता है. नेक लोग आसानी से पुल पार कर लेंगे, जबकि पापी लोग पुल से गिरकर जहन्नुम में जा गिरेंगे. सुर की दूसरी आवाज़ के बाद, सभी लोग जीवित हो जाएंगे. वे अपनी कब्रों से निकलकर क़यामत के मैदान में इकट्ठा होंगे.

हिसाब: क़यामत के दिन, सभी लोगों को उनके कर्मों का हिसाब दिया जाएगा. जज़्ब नामक एक किताब में हर व्यक्ति के कर्मों का पूरा रिकॉर्ड होगा. लोगों को उनके अच्छे और बुरे कर्मों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा.

जन्नत और जहन्नुम: जन्नत को अनन्त आनंद और सुख का स्थान माना जाता है, जहां नेक लोग हमेशा रहेंगे. जहन्नुम को अनन्त पीड़ा का स्थान माना जाता है, जहाँ पापी लोग हमेशा रहेंगे. जन्नत को अक्सर एक सुंदर उद्यान के रूप में वर्णित किया जाता है जिसमें बहती हुई नदियां, ताजे फल और स्वादिष्ट भोजन होते हैं. वहां, मुसलमान शाश्वत शांति और आनंद का अनुभव करेंगे. वे अपनी पसंदीदा चीजें करने में सक्षम होंगे, जैसे कि अपने प्रियजनों के साथ रहना, नई चीजें सीखना और सुंदरता से घिरे रहना. जन्नत में, कोई दर्द, दुःख या मृत्यु नहीं होगी. जहन्नुम को अक्सर आग और पीड़ा के स्थान के रूप में वर्णित किया जाता है. वहां, पापी लोग विभिन्न प्रकार की सजाओं का सामना करेंगे, जैसे कि जलती हुई आग, तीव्र भूख और प्यास, और क्रूर स्वर्गदूतों द्वारा यातना. जहन्नुम में, उन्हें अपने पापों का पछतावा होगा और वे शांति के लिए तरसेंगे.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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Source : News Nation Bureau

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