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सीमा पर चीन से टकराव के बीच राष्ट्रपति से मिले PM मोदी, आधे घंटे चला तक बातचीत का दौर

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच तनाव पूरे चरम पर है. दोनों देश में टकराव के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है.

Updated on: 05 Jul 2020, 01:54 PM

नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन (India China) के बीच टकराव के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच तकरीबन आधे घंटे तक बातचीत का दौर चला. बताया जा रहा है कि इस दौरान प्रधानमंत्री ने आज राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर राष्ट्रपति को जानकारी दी है.

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यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीनी और भारतीय सैन्य बलों के बीच हुई झड़प के बाद प्रधानमंत्री ने इस सप्ताह की शुरुआत में लेह का दौरा किया और जवानों को संबोधित किया था. इस झड़प में भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जिसमें चीन को भी काफी नुकसान होने की खबरें हैं. राष्ट्रपति भवन ने बैठक के बाद ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों से जुड़ी जानकारी दी.'

बंद लिफाफे में क्या था

इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथ में एक बड़ा सा लिफाफा ले रखा था. हालांकि अभी यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि राष्ट्रपति के पास प्रधानमंत्री मोदी जिस लिफाफे को लेकर पहुंचे थे, उसके अंदर क्या था. सिर्फ यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि लिफाफे में प्रधानमंत्री मोदी गलवान घाटी की सेटेलाइट तस्वीरों को लेकर गए थे, जो राष्ट्रपति को दिखाई गईं. इन तस्वीरों के जरिए पूर्वी लद्दाख में भारतीय सैनिकों और चीनी सेना की स्थिति को दिखाया गया होगा.

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मोदी ने लेह का दौरा कर सभी को चौंकाया

गौरतलब है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक सरहद के पास पहुंचे थे और पड़ोसी मुल्क के साथ सीमा गतिरोध के मामले को लेकर भारत की दृढ़ता के संकेत दिए. लेह में उन्होंने भारतीय सैनिकों, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की थी. मोदी के इस दौरे को लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के आक्रामक रुख के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है. 

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प्रधानमंत्री ने चीन को दिया स्पष्ट संदेश

चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है तथा पूरे विश्व ने इसके खिलाफ मन बना लिया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने शत्रुओं को जो पराक्रम और प्रचंडता दिखाई, उससे दुनिया को देश की ताकत का संदेश मिल गया. जवानों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि जवानों की बहादुरी और उनके शौर्य की गाथाएं देश के कोने-कोने में गूंज रही है. मोदी ने दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प का जिक्र करते हुए कहा था, 'भारत माता के दुश्मनों ने आपकी फायर को भी देखी है और आपकी फ्यूरी को भी देखा है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि कमजोर कभी शांति की पहल नहीं कर सकता और वीरता ही शांति की पूर्व शर्त होती है.

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