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पीएम नरेंद्र मोदी की लेह 'सरप्राइज विजिट' का खाका अजित डोभाल ने खींचा

इस दौरे की पूरी रूपरेखा और रणनीति अजित डोभाल (Ajit Doval) ने ही खींची थी, जिसे सीडीएस जनरल विपिन रावत (General Vipin Rawat) और सेनाध्यक्ष मनोज मुकंद नरवणे (Manoj Mukund Narwane) के साथ बेहतर समन्वय के साथ अंजाम दिया गया.

Updated on: 04 Jul 2020, 10:57 AM

highlights

  • ऐन मौके रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बजाय पीएम मोदी का कार्यक्रम बना.
  • इस प्लानिंग को अंजाम दिया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने.
  • सीडीएस रावत और सेनाध्यक्ष नरवणे के साथ दिया गया दौरे को अंजाम.

नई दिल्ली:

भले वह जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद पैदा हुई स्थितियां हों या नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली हिंसा के बाद भड़के दंगे (Delhi Violence) हों, इन सभी से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का कोई न कोई कनेक्शन जरूर रहा है. इस कड़ी में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का अचानक लेह-लद्दाख (leh-Ladakh) का दौरा भी जुड़ गया है. पता चला है कि इस दौरे की पूरी रूपरेखा और रणनीति अजित डोभाल (Ajit Doval) ने ही खींची थी, जिसे सीडीएस जनरल विपिन रावत (General Vipin Rawat) और सेनाध्यक्ष मनोज मुकंद नरवणे (Manoj Mukund Narwane) के साथ बेहतर समन्वय के साथ अंजाम दिया गया. गौरतलब है कि गुरुवार तक यही खबरें थी कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सीमा का दौरा करेंगे.

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हवाईअडेड पर उतरते वक्त तक रहा गुप्त
वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस जैसे तमाम सरप्राइज फैसले कर लोगों समेत राजनेताओं को चौंकाते आए हैं. ऐसा ही एक फैसला था चीन के साथ सीमा पर जारी तनातनी के बीच जवानों का हौसला बढ़ाने अचानक लेह के निमू पहुंच जाना. पीएम मोदी के लेह जाने के फैसले को तब तक सार्वजनिक नहीं किया गया जब तक पीएम मोदी हवाई अड्डे पर नहीं उतर गए. पीएम मोदी से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के लद्दाख दौरे की खबरें आ रही थीं. बताते हैं कि पीएम के इस दौरे के पीछे सारी रणनीति राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बनाई.

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चीन को तीखा जवाब
विशेषज्ञों के मुताबिक लद्दाख (Ladakh) क्षेत्र में पीएम मोदी की मौजूदगी ने चीन (China) को संकेत दिया है कि भारत का मतलब व्यापार है और वह अपनी जमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेगा. साथ ही साथ देश को लोगों को भी भरोसा दिलाया है. पीएम मोदी के लद्दाख सेक्टर जाने का फैसला गुरुवार शाम को फाइनल किया गया. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इसके लिए सीडीएस बिपिन रावत से चर्चा की थी. पीएम मोदी, अजित डोभाल और तब सेना अध्यक्ष रहे बिपिन रावत ने एक साथ 2017 में डोकलाम (Doklam Faceoff) तनातनी के दौरान भी चीन का आक्रामकता का सामना किया था और चीन को पीछे हटने पर मजबूर किया था.

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भारतीय जवानों में भरा जोश
पीएम मोदी को लेह में नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने निमू आर्मी हेडक्वॉर्टर में हालात की पूरी जानकारी दी. पीएम ने निमू में जवानों के साथ मुलाकात की. यह लेह का फॉर्वर्ड इलाका है. करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर पीएम मोदी का इस तरह आकर जवानों से मिलना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. चीन की आक्रामक पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ सीमा पर भारत की तैयारियों का जायजा लेने के साथ ही पीएम मोदी ने भारत के जोशीले सैनिकों में जोश भर दिया.