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गुरु पूर्णिमा पर बोले पीएम मोदी- दुनिया को भगवान बुद्ध में आस्था

Ashad Maas Ki Purnima: आषाढ़ की गुरु पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को देशवासियों को संबोधित किया.

Updated on: 24 Jul 2021, 09:05 AM

highlights

  • प्रधानमंत्री ने लोगों को दी धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस और आषाढ़ पूर्णिमा की शुभकामनाएं
  • हमारे यहां कहा गया है- जहां ज्ञान है, वही पूर्णत: है, वही पूर्णिमा है : PM
  • संस्कृति मंत्रालय की ओर से आषाढ़ पूर्णिमा को धम्म चक्र दिवस के रूप में मनाया जाता है

नई दिल्ली:

Ashad Maas Ki Purnima: आषाढ़ की गुरु पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा कि आप सभी को धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस और आषाढ़ पूर्णिमा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. आज हम गुरु पूर्णिमा भी मनाते हैं और आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था. आपको बता दें कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से आषाढ़ पूर्णिमा को धम्म चक्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. 

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे यहां कहा गया है- जहां ज्ञान है, वही पूर्णत: है, वही पूर्णिमा है. जब उपदेश करने वाले स्वयं बुद्ध हो तो स्वाभाविक है कि ज्ञान संसार के कल्याण का पर्याय बन जाता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था. उन्होंने दुःख के बारे में बताया, दुःख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि दुःखों से जीता जा सकता है, और इस जीत का रास्ता भी बताया.

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पीएम मोदी ने कहा कि आज कोरोना महामारी के रूप में मानवता के सामने वैसा ही संकट है, जब भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं. भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं. भारत ने ये करके दिखाया है.

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उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने हमें जीवन के लिए अष्टांग सूत्र दिए. सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाणी, सम्यक कर्म, सम्यक आजीविका, सम्यक प्रयास, सम्यक मन, सम्यक समाधि. मोदी ने कहा कि बुद्ध के सम्यक विचार को लेकर आज दुनिया के देश भी एक दूसरे का हाथ थाम रहा हैं, एक दूसरे की ताकत बन रहे हैं. इस दिशा में International Buddhist Confederation की  Care with Prayer पहल भी प्रशंसनीय है.