NSA अजित डोवाल का 'ऑपरेशन जैकबूट' और ढेर हो गए बुरहान वानी-रियाज नाइकू
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर आतंकी रियाज नाइकू को मार गिराया है, जो पिछले 8 सालों से फरार था और उस पर 12 लाख रुपये इनाम रखा गया था.
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन (Hizbul Muzahiddin) के कमांडर आतंकी रियाज नाइकू (Riaz Naikoo) को मार गिराया है, जो पिछले 8 सालों से फरार था और उस पर 12 लाख रुपये इनाम रखा गया था. सुरक्षाबलों के लिए रियाज नाइकू को मारना एक बड़ी उपलब्धि करार दी जा रही है. क्या आपको पता है कि रियाज नाइकू को मार गिराने का ऑपरेशन किसके मार्गदर्शन में पूरा हुआ? रियाज नाइकू 'ऑपरेशन जैकबूट' के तहत मारा गया, जिसका मार्गदर्शन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल (NSA Ajit Doval) करते हैं. 'ऑपरेशन जैकबूट' अभियान में ही आतंकी बुरहान वानी भी मारा गया था. जम्मू-कश्मीर से आतंक का खात्मा करने के लिए 'ऑपरेशन जैकबूट' की शुरुआत एनएसए अजित डोवाल ने ही शुरू की थी.
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खुफिया एजेंसियों और मीडिया इनपुट के अनुसार, 'ऑपरेशन जैकबूट' की लिस्ट में बुरहान वानी पहला तो रियाज नाइकू का नाम आखिरी में था. 'ऑपरेशन जैकबूट' तब लॉन्च किया गया था, जब जम्मू-कश्मीर के पुलवामा, कुलगाम, अनंतनाग और शोपियां में आतंकियों की ओर से 'आजाद इलाका' घोषित किया जाने लगा था. इसमें बुरहान वानी के ग्रुप में सबजार भट्ट, अफाकुल्लाह, आदिल खांडे, सद्दाम पद्दार, वसीम माला, नसीर पंडित, इशफाक हमीद, तारिक पंडित, वसीम शाह और अनीस जैसे कई कश्मीरी थे. इन सभी ने ही कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को तेज करने की साजिश रचनी शुरू की थी.
ये आतंकी उस समय स्थानीय पुलिसकर्मियों को टॉर्चर करने लगे, उनके परिवारों को परेशान करने लगे. कई पुलिसकर्मियों को तो आतंकियों ने शहीद भी कर दिया. बुरहान का यह ग्रुप कई बार अलग-अलग गावों में बिना किसी डर के पार्टियां मनाने लगा था. बुरहान वानी के ग्रुप ने मुखबिरों की ताकतवर फौज खड़ी कर ली थी. ये आतंकी स्थानीय लोगों के बीच में ही पले-बढ़े थे, इसलिए लोग उनकी मदद करते थे.
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बुरहान वानी ग्रुप की इन हरकतों से NSA अजित डोवाल चिंतित थे, लेकिन अपनी रणनीति और सुरक्षाबलों की क्षमता पर उन्हें पूरा भरोसा था. डोवाल ने इसके लिए कश्मीर में अपने 'आंख-कान' कहे जाने वाले सोर्स का सहारा लिया. डोभाल के इन 'आंख-कान' के बारे में सुरक्षा बलों को भी ज्यादा पता नहीं होता है. इंटेलिजेंस सर्किल में इन्हें 'डोभाल साहब के ऐसेट्स' कहा जाता है.
अजित डोवाल ने इन 'एसेट्स' की बदौलत ऑपरेशन जैकबूट का खाका तैयार किया और उसे अंजाम देने में जुट गए. इस ऑपरेशन में बुरहान के इन 10 साथियों को भी शामिल किया गया. जैसे कि हिजबुल का टॉप कमांडर लतीफ टाइगर जो बुरहान का बेहद करीबी था, लेकिन बुरहान वानी की वायरल पिक्चर में वह कहीं नहीं था. 3 मई, 2019 को टाइगर समेत तीन आतंकवादी मार गिराए गए थे. बुरहान वानी को 8 जुलाई, 2016 को ही 72000 हूरों के पास पहुंचा दिया गया था.
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इजरायल के 'ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड' से प्रेरित था 'ऑपरेशन जैकबूट'
अजित डोवाल का 'ऑपरेशन जैकबूट' इजरायली सरकार के 'ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड' से प्रेरित था. इजरायल ने म्यूनिख में आयोजित 1972 के समर ओलिंपिक में मारे गए अपने लोगों की मौत का बदला लेने के लिए फलस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) के खिलाफ इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था. डोभाल ने भी इजरायल की तर्ज पर उन सभी कश्मीरी आतंकवादियों के खात्मे की रूपरेखा तैयार की थी.
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