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रात को ढाई बजे हवा में घुल गया जहर, जानें कितनी घातक है विजाग में लीक हुई स्टीरिन गैस

कोरोना संकट के बीच आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी से हुए गैस लीक ने 'कोढ़ में खाज' जैसी स्‍थिति पैदा कर दी है. प्‍लांट से स्टीरिन गैस लीक होने से अब तक 7 लोगों की जान जा चुकी है.

Updated on: 07 May 2020, 11:42 AM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) के संकट के बीच आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी से हुए गैस लीक ने 'कोढ़ में खाज' जैसी स्‍थिति पैदा कर दी है. प्‍लांट से स्टीरिन गैस (Styrene Gas) लीक होने से अब तक 7 लोगों की जान जा चुकी है. जानकार बताते हैं कि स्‍टीरिन गैस तब अधिक घातक हो जाती है, जब इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा हो. यह कैंसर से लेकर सुनने और देखने की क्षमता भी प्रभावित कर सकती है.

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जानकार बता रहे हैं कि स्टीरिन गैस बहुत ही घातक हो जाता है, अगर इसका इस्तेमाल सघन रूप में बडे पैमाने पर हो रहा हो. इसका इस्तेमाल आम तौर पर प्लास्टिक यानि पॉलिविनायल क्लोराइड बनाने वाले प्लांट्स में होता है. इथाइल बेंजीन से बनने वाली यह गैस आंखों में तेज जलन के साथ सांस लेने में बाधा पैदा करती है.

इस गैस के बारे में बताया जा रहा है कि अगर यह मनुष्य के संपर्क में आती है तो कैंसर को जन्म दे सकती है. हालांकि इसको लेकर विशेषज्ञों में मतभेद की स्थिति है. स्टीरिन गैस मानव के नर्वस सिस्टम पर भी असर डाल सकती है और पैंक्रियाटिक कैंसर को जन्म दे सकती है. एक अध्ययन के अनुसार, स्टीरिन का असर आंखों के साथ सुनने पर भी पड़ सकता है.

स्‍टीरिन गैस से बचने के लिए ज्यादा पानी पीने, मास्क पहनने और अधिक असहज होने पर सिट्राजीन टैबलेट का इस्तेमाल करने की सलाह विशेषज्ञों की ओर से दी जाती है. यह भी कहा गया है कि इस गैस के असर को दूर करने के लिए दूध, केला, गुड़ आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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लाकडाउन के डेढ़ महीने बाद खोले गए विशाखापट्टनम में गोपालपट्टनम के पास वेपगुंटा में स्‍थापित केमिकल प्लांट से गैस का रात के ढाई बजे रिसाव होना शुरू हुआ. बताया जा रहा है कि प्‍लांट में इसको खोलने की शुरुआती प्रक्रिया चल रही थी, तभी यह गैस लीक होनी शुरू हो गई. रात के 2.30 बजे स्टीरिन गैस लीक होने के बाद यह आसपास के तीन किलोमीटर के दायरे में फैल गई.