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अब AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता कानून को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

मुस्‍लिम लीग और कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बाद अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

Updated on: 14 Dec 2019, 02:45 PM

नई दिल्‍ली:

मुस्‍लिम लीग और कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बाद अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. एक दिन पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जयराम रमेश की ओर से दायर अर्जी में कहा गया है कि यह क़ानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है. इसमे पड़ोसी देश में प्रताड़ित मुस्लिम समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता हासिल करने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है. इनके अलावा, वकील पयोली स्वातीजा ने एएनआई को बताया, देवव्रत सैकिया, अब्दुल खालेक, बारपेटा से लोकसभा सांसद और मरियानी विधान सभा क्षेत्र के विधायक रूप ज्योति कुर्मी ने आज नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

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इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (Indian Union Muslim League) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है, बिल के प्रावधान संविधान (Indian Constitution) के अनुच्छेद 14 (Article 14) का उल्लंघन करते हैं. धर्म के आधार पर वर्गीकरण ग़लत है. मुस्‍लिम लीग के सूत्रों के अनुसार, उनकी पैरवी वरिष्‍ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) करेगे.

इससे पहले नागरिकता संशोधन बिल पर राज्‍यसभा में बहस के दौरान कांग्रेस के दो वरिष्‍ठ नेताओं पी चिदंबरम और फिर कपिल सिब्‍बल ने भी बिल के सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने का दावा किया था. हालांकि गृह मंत्री ने इसके जवाब में कहा, कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता संसद को सुप्रीम कोर्ट का डर दिखा रहे हैं, लेकिन हम अपना काम करने से पीछे नहीं हटेंगे.

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पी. चिदंबरम ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर बहस के दौरान इसे असंवैधानिक बताते हुए कहा, इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी और पूरा यकीन है कि वहां इसे खारिज कर दिया जाएगा. चिदंबरम ने यह भी कहा, मैं सरकार से कानूनी विभाग की राय लेने की चुनौती देता हूं.

पी चिदंबरम ने कहा, मैं सरकार से अटॉर्नी जनरल को सवालों के जवाब देने के लिए चुनौती देता हूं. संविधान का एक हिस्सा ध्वस्त किया जा रहा है." इसके जवाब में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, सरकार हर बिल पर कानून विभाग की राय लेती है.

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पी. चिदंबरम ने कहा, मैं संसद से सरकार का विरोध करने के लिए कह रहा हूं, क्योंकि यह असंवैधानिक है. चिदंबरम ने कहा कि सांसद जनता के चुने प्रतिनिधि होते हैं और उनकी यह जिम्मेदारी है कि उन्हें उसी विधेयक को पारित करना चाहिए, जो संवैधानिक हो. कांग्रेस नेता ने कहा कि हम सभी को वास्तव में वकील होना चाहिए, ताकि हमारे अंदर वह ज्ञान और संवाद हो, ताकि हम देख सकें कि क्या संवैधानिक है और क्या नहीं.