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Relationship Photograph: (Freepik)
ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल और उनके पति कश्यप ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी अलग पहचान बनाई है. वहीं दोनों इतने अच्छे कपल भी थे, लेकिन अब हाल ही में दोनों ने तलाक का फैसला कर लिया है. बता दें कि साइना और कश्यप ने एक-दूसरे को सालों तक डेट किया है और फिर 2018 में दोनों शादी के बंधन में बंधे. दोनों बैडमिंटन के दिग्गज रहे हैं, लेकिन उनके तलाक ने फैंस को सोच में डाल दिया है.
एक फिल्ड में
जब दो लोग एक जैसे प्रोफेशन में होते हैं तो उन्हें समझने वाला उनका पार्टनर होता है. दरअसल, जब दोनों ही लोग एक ही फिल्ड में होते हैं. खासतौर पर स्पोर्ट्स जैसे प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में, तो एक-दूसरे के संघर्ष, थकान, असफलता और जीत को तो वे समझ सकते हैं, लेकिन साथ ही हर पल एक अनजाना दबाव भी साथ होता है. कभी दोनों के शेड्यूल बीजी होते हैं तो कभी प्रोफेशनल थकान साथ होती है.
‘हम’ और ‘मैं’ में फर्क
वहीं दोनों के बीच एक अनजाना कम्पीटशन भी रिश्ते में आ सकता है कि किसकी कमाई ज्यादा है या किसका नाम ज्यादा चल रहा है. लंबे वक्त तक ये बातें रिश्ते पर असर डालती हैं. वहीं कई बार रिश्तों में ‘हम’ ‘मैं’ से ज्यादा बढ़ा हो जाता है. हर फैसले में दोनों की सोच जरूरी होती है, लेकिन जब दोनों ही इंडिविजुअल तौर पर बड़े सपनों को जी रहे हों, तो उनकी प्राथमिकताएं और रास्ते अलग होने लगते हैं. जिससे बात कम होने लगती है और कनेक्शन कमजोर होने लगता है.
एक जैसी जर्नी और रिश्ता
कई बार हमारे दिमाग में सवाल आता है कि क्या एक जैसी जर्नी रिश्ते को बचा नहीं सकती. तो इसके जवाब की बात करें तो बिल्कुल बचा सकती है, लेकिन इसके लिए पर्सनल बॉन्डिंग, इमोशनल स्पेस और बातचीत काफी जरूरी होती है. रिश्तों में समानता अच्छी होती है, लेकिन उसका बोझ नहीं बनना चाहिए. आप एक-दूसरे से खुलकर बात करें, स्पेस की इज्जत करें.
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