2019 लोक सभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे और राजनीतिक दलों के बीच जोड़-घटाव शुरू हो चुका है। रविवार को बिहार में दो सबसे बड़ी राजनीतिक घटनाओं ने इसके संकेत दिए हैं। एक तरफ 2014 लोक सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल हो गए जिससे निश्चित तौर पर बिहार में एनडीए को मनोवैज्ञानिक तौर पर मजबूती मिलेगी।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान कर दिया है कि अगले लोक सभा चुनाव के लिए बीजेपी के साथ सीटों के बंटवारे पर 'सम्मानजनक समझौता' हो गया है हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा बाद में होगी।
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने कहा, 'सीटों के बंटवारे को लेकर उच्च स्तर पर बातचीत हो चुकी है। मेरे आस-पास के लोगों को भी इसके बारे में पता नहीं है लेकिन तमाम बातें बीजेपी के साथ तय हो चुकी है।' नीतीश कुमार ने कहा कि नीचे से ऊपर तक जेडीयू कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया जाएगा।
सीट शेयरिंग को लेकर आरसीपी सिंह ने कहा कि सीटों के बंटवारे पर लंबे समय से बातचीत चल रही है। बातचीत अब अंतिम चरण में हैं। आपको इस संबंध में अधिकारिक सूचना जल्द मिल जाएगी।
बता दें कि इससे पहले बीजेपी के सीट शेयरिंग के पहले ड्राफ्ट से जेडीयू ने नाराजगी जाहिर की थी। बीजेपी बिहार की 40 में से 20 सीटों पर लड़ना चाहती थी। रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी ने जेडीयू को 12 सीट ऑफर किया था, रामविलास पासवान की लोजपा को 6 और उपेन्द्र कुशवाहा की रालोसपा को 2 सीटें देने का विचार था।
हालांकि नीतीश कुमार चाहते हैं कि जेडीयू और बीजेपी के बीच सीटों का बंटवारा बराबर हो। उनके अनुसार दोनों पार्टियों के बीच 17 सीटों का बंटवारा हो और रामविलास पासवान को 6 सीटें मिले।
नीतीश कुमार ने अप्रत्यक्ष रूप से उपेन्द्र कुशवाहा को इस सीट बंटवारें में शामिल करने की जरूरत नहीं बताई। कुशवाहा महागठबंधन में शामिल होने की बात कह चुके हैं। हाल ही में कुशवाहा ने कहा था कि यदुवंशी (यादव) का दूध और कुशवंशी (कोयरी समुदाय) का चावल मिल जाए तो खीर बढ़िया होगी। और उस स्वादिष्ट व्यंजन को बनने से कोई रोक नहीं सकता है।
लंबे समय से यह भी बताया जा रहा है कि एनडीए के दोनों घटक दलों जेडीयू और आरएलएसपी के बीच आंतरिक बयानबाजी चल रही है।
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2014 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी को बिहार की 40 सीटों में 22 पर जीत हासिल हुई थी। वहीं एनडीए के घटक दल रहे लोजपा को 6 और आरएलएसपी को 3 सीटें मिली थी। वहीं 17 साल का एनडीए गठबंधन तोड़ अलग हुई जेडीयू को सिर्फ 2 सीटें हासिल हुई थी।
हालांकि पिछले साल अगस्त में एक बार फिर महागठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जा मिले थे और राज्य में एनडीए की सरकार बनाई थी।
Source : News Nation Bureau