कानून निरस्त करने की मांग पर अड़े किसानों से सरकार की दोपहर को वार्ता आज

तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के मसले पर किसानों के प्रतिनिधियों के साथ नौवें दौर की वार्ता शुक्रवार दोपहर होगी.

तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के मसले पर किसानों के प्रतिनिधियों के साथ नौवें दौर की वार्ता शुक्रवार दोपहर होगी.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Farmers Agitation

किसान सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद कानून निरस्त करने पर अड़े.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के मसले पर किसानों के प्रतिनिधियों के साथ नौवें दौर की वार्ता शुक्रवार दोपहर होगी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कानूनों के अमल पर रोक के बाद हो रही बातचीत के एक दिन पहले केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार यूनियन के नेताओं के साथ खुले मन से बातचीत के लिए तैयार है. नये कृषि कानून के मसले पर गतिरोध दूर करने और किसानों का आंदोलन (Farmers Agitation) समाप्त करने को लेकर सरकार आंदोलनरत किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता करेगी. किसानों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में यह वार्ता दिन के 12 बजे आरंभ होगी.

Advertisment

वार्ता से पहले ही किसान अड़े
तोमर ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि किसानों के साथ अगले दौर की वार्ता सकारात्मक रहेगी. भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने भी बताया कि शुक्रवार को 12 बजे किसान संगठनों के प्रतिनिधि सरकार के साथ वार्ता के लिए जाएंगे, जिसमें वह भी शामिल होंगे. नौवें दौर की वार्ता का मुख्य विषय क्या होगा? इस सवाल पर हरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों की सिर्फ दो मांगें बची हैं जो प्रमुख हैं और इनमें से पहली मांग तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की है. इस मांग के पूरे होने पर ही किसान नेता दूसरी मांग पर चर्चा करेंगे.

यह भी पढ़ेंः ममता बनर्जी 'डरीं' बीजेपी से... कांग्रेस ने दिया विलय का न्यौता

इन कानूनों पर है रार
किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं. सरकार के साथ किसान नेताओं के बीच इस मसले को लेकर आठ दौर की वार्ताएं बेनतीजा रही हैं.

यह भी पढ़ेंः PM मोदी की ये कविता 'नीची उड़ान करे परेशान, ऊंची उड़ान...' हुआ वायरल

सुप्रीम कोर्ट अमल पर लगा चुका है रोक
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने नये कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी. साथ ही शीर्ष अदालत ने मसले के समाधान के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया, जिसमें चार सदस्यों को नामित किया गया है. हालांकि कमेटी में शामिल एक सदस्य भाकियू नेता भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से अलग करने की घोषणा की है. आंदोलनकारी किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सामने जाने से मना कर दिया है.

यह भी पढ़ेंः  राष्ट्रपति 29 जनवरी को संसद के दोनों सदनों को करेंगे संबोधित

आंदोलन का आज 51वां दिन
नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का शुक्रवार को 51वां दिन है और देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का कहना है कि जब तक नये कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा. दिल्ली की सीमाओं पर स्थित प्रदर्शन स्थल सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के करीब 40 किसान संगठनों के नेताओं की अगुवाई में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है.

पीएम नरेंद्र मोदी Supreme Court Talks मोदी सरकार कृषि कानून kisan-andolan Farmers Agtation किसान नेता सुप्रीम कोर्ट Repeal Laws farm-laws Committee राकेश टिकैत कमेटी नामंजूर PM Narendra Modi Narendra Singh Tomar किसान आंदोलन
Advertisment