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PM मोदी की ये कविता 'नीची उड़ान करे परेशान, ऊंची उड़ान...' सोशल मीडिया पर वायरल

अब सोशल मीडिया पर यह कविता वायरल होने लगी है. पीएम मोदी ने इस कविता को शेयर करते हुए लिखा है कि 'आज सुबह मैंने गुजराती में एक कविता साझा की थी. कुछ साथियों ने इसका हिन्दी में अनुवाद कर मुझे भेजा है. उसे भी मैं आपके साथ साझा कर रहा हूं.

Updated on: 14 Jan 2021, 11:14 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक कविता गुजराती भाषा में लिखी जिसे किसी ने हिन्दी में अनुवाद कर दिया. इसके बाद पीएम मोदी ने इस कविता को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से देश के लोगों के लिए साझा कर दिया है. अब सोशल मीडिया पर यह कविता वायरल होने लगी है. पीएम मोदी ने इस कविता को शेयर करते हुए लिखा है कि 'आज सुबह मैंने गुजराती में एक कविता साझा की थी. कुछ साथियों ने इसका हिन्दी में अनुवाद कर मुझे भेजा है. उसे भी मैं आपके साथ साझा कर रहा हूं.

अंबर से अवसर
और 
आंख में अंबर...

सूरज का ताप समेटे... अंबर
चांदनी की शीतलता बिखेरे... अंबर

सम-विषम समाए... अंबर में
भेद-विभेद संग विवेक विशेष

जगमग तारे अंबर उपवन में
विराट की कोख में... अवसर की आस में
टिमटिमाते तारे तपते सूरज में
नीची उड़ान करे परेशान
ऊंची उड़ान साधे आसमान

हो कंकड़ या संकट
पत्थर हो या पतझड़
वसंत में... भी संत
विनाश में... है आस
सपनो का अंबार
अंबर सी आस

गगन... विशाल
जगे विराट की आस

मार्ग... तप का
मर्म... आशा का
अविरत... अविराम
कल्याण यात्री... सूर्य

आज
तपते सूरज को, तर्पण का पल
शत शत नमन... शत शत नमन
सूरज देव के अनेक नमन। 
- नरेंद्र मोदी