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मुस्लिमों ने कहा, 'अयोध्या में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बनेगा राम मंदिर'

बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद लगातार ही देश में दो समुदायों के बीच महौल बिगाड़ने वाली पहल की जाती रही हैं लेकिन इस बार मुस्लिम समाज के कुछ लोग खुलकर सामने आए हैं।

Updated on: 01 May 2017, 09:30 AM

नई दिल्ली:

बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद लगातार ही देश में दो समुदायों के बीच महौल बिगाड़ने वाली पहल की जाती रही हैं लेकिन इस बार मुस्लिम समाज के कुछ लोग खुलकर सामने आए हैं। मुस्लिम समाज के इन लोगों ने अयोध्या में राम मंदिर बनने की पैरवी की है।

गोरक्षा मिशन के प्रदेश अध्यक्ष बबलू खान और राष्ट्रीय प्रवक्ता शरद पाठक के संयोजन में रविवार को 'हक के साथ आओ, अयोध्या विवाद सुलझाओ, खुशहाल भारत बनाओ' कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस आयोजन में कई मुस्लिम कार सेवक पहुंचे।

मुस्लिम कार सेवकों ने अयोध्या में मस्जिद के मुद्दे से जुड़े रहे हाशिम अंसारी की मजार पर फातेहा पढ़ा। मुस्लिम कारसेवक हाशिम अंसारी की मजार से निकलकर हनुमानगढ़ी पहुंचकर बजरंगबली के दर्शन किए।

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पत्रकारों से बातचीत में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संघ प्रचारक मिहिर ध्वज ने कहा, 'हम समाज को जगा रहे हैं, इससे पहले कि समाज सड़क पर आए मंदिर निर्माण हो जाना चाहिए। हम चाहते हैं कि आयोध्या में मंदिर बन जाए और विवाद खत्म हो।'

वहीं ऑल इंडिया शिया मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुर्शीद आगा ने कहा कि हनुमानगढ़ी का दर्शन करते हुए यह एहसास हुआ कि यहां भगवान राम विराजमान हैं। इसलिए अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए। कार्यक्रम संयोजक बबलू खान ने फिर दोहराया कि अयोध्या में नहीं तो क्या राम मंदिर पाकिस्तान में बनेगा।

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(आईएएनएस इनपुट के साथ)