जम्मू-कश्मीर: कुपवाड़ा पुलिस ने एलओसी पार करने के लिए घर छोड़ने वाले चारों लड़कों को किया गिरफ्तार
कुपवाड़ा पुलिस ने एक पांचवे लड़के से भी पूछताछ की है, जो उसी गांव के कक्षा 11 का छात्र है। उस पर चारों लड़के को उकसाने और भागने के दौरान कुछ दूरी तक उनका साथ देने का आरोप है।
नई दिल्ली:
26 जून को ईद के दिन चार लड़को ने नियंत्रण रेखा पार करने के उद्देश्य से घर छोड़ दिया। उनके पास कुछ किलो चावल, बिस्किट के कुछ पैकेट, दो स्कूल बैग और 280 रूपए कैश थे।
लेकिन, 8 किलोमीटर की एक कठिन चढ़ाई, खुले आसमान के नीचे एक नींदरहित रात और उस टीम के 11 वर्षीय सबसे छोटे सदस्य का घर की चिंता पर रोने के कारण उन चारों को रेशवारी में अपने सफर को छोड़ना पड़ा और वे उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित गुलगाम गांव में अपने घर वापस आ गए।
चारों लड़के (दो 15 वर्षीय, एक 13 वर्षीय और एक 11 साल) एक दिन बाद 27 जून को घर वापस आ गए और अभी कुपवाड़ा पुलिस स्टेशन में कैद हैं। कुपवाड़ा पुलिस ने एक पांचवे लड़के से भी पूछताछ की है, जो उसी गांव के कक्षा 11 का छात्र है। उस पर चारों लड़के को उकसाने और भागने के दौरान कुछ दूरी तक उनका साथ देने का आरोप है।
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पुलिस स्टेशन के अंदर एक छोटे से स्टाफ रेस्टिंग रूम में चारों लड़कों को कैद कर रखा गया है। उनमें 13 वर्षीय लड़के ने कहा हमलोग घर छोड़ने के 6 दिन पहले से ईदगाह पर मिल रहे थे और ट्रिप का प्लान कर रहे थे।
उसने कहा कि 'कक्षा 11 वाले लड़के ने उन्हें बताया कि गुलगाम से 11 किलोमीटर दूर पहाड़ी की चोटी पर नूननर्द में एक व्यक्ति मिलेगा, जो एलओसी पार करने में मदद करेगा। नूननर्द गांव से एलओसी का रास्ता वाहन योग्य नहीं है। उसने कहा कि सोमवार को ईद प्रार्थना के बाद उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की। लड़के वहां से जल्दी में अपने घर गए, खाना खाए और ईदी इकट्ठा (मां- बाप से पैसे लेकर) कर एक स्थान पर मिले।'
कक्षा 11 के लड़के ने कहा 'हम बार्डर के जरिये पाकिस्तान पहुंच सकते हैं और वहां ठहर सकते हैं।'
रेशवारी पहुंचने के बाद रात को सभी लड़कों को खाने- सोने की दिक्कतें हुई और उनमें सबसे छोटे लड़के को घर की चिंता हो गई। इसलिए 27 जून की सुबह वे घर लौटने का निर्णय किए। तब तक उन सबके खोने की खबर गांव में फैल गई। अवूरा बस स्टैंड पहुंचने पर गांव वालों ने उन्हें पकड़ कर घर ले गए।
इसके बाद से पुलिस उन्हें कैद में रखकर लगातार पूछताछ कर रही है। वहीं स्थानीय विधायक बाशिर अहमद डार ने लड़कों को हिरासत से छोड़ने की अपील की है, क्योंकि वे सभी नाबालिग हैं।
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