मई के मध्य तक भारत में कच्चे तेल के सभी भंडार फुल हो जाएंगे, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बड़ा बयान

आईएचएस मार्किट (IHS Markit) के वाइस चेयरमैन डैनियल येरगिन (Daniel Yergin) से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में 5.3 मिलियन मीट्रिक टन सामरिक भंडारण क्षमता है और मई के मध्य तक यह पूर्ण हो जाएगा.

आईएचएस मार्किट (IHS Markit) के वाइस चेयरमैन डैनियल येरगिन (Daniel Yergin) से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में 5.3 मिलियन मीट्रिक टन सामरिक भंडारण क्षमता है और मई के मध्य तक यह पूर्ण हो जाएगा.

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Dhirendra Kumar
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Dharmendra Pradhan

धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan)( Photo Credit : फाइल फोटो)

Crude Oil News: मई के मध्य तक देश का कच्चा तेल भंडार (Crude Oil Reserve) पूरी तरह से भर जाएगा. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री (Minister of Petroleum & Natural Gas and Minister of Steel) धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कहा कि भारत का रणनीतिक कच्चा तेल भंडार मई के मध्य तक पूरा हो जाएगा.

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भारत के पास 5.3 मिलियन मीट्रिक टन स्टोरेज की क्षमता

आईएचएस मार्किट (IHS Markit) के वाइस चेयरमैन डैनियल येरगिन (Daniel Yergin) से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में 5.3 मिलियन मीट्रिक टन सामरिक भंडारण क्षमता है और मई के मध्य तक यह पूर्ण हो जाएगा. इसके अलावा हमारी कंपनियों के पास अपने अनुबंधों में 7 मिलियन मीट्रिक टन फ्लोटिंग तेल है. आईएचएस मार्किट द्वारा जारी बयान के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि उन्होंने उसे बुक कर लिया है और हमने उन्हें खरीद लिया है.

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सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई
मंगलवार देर रात सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें दो दशक के निचले स्तर पर चली गयी हैं. इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए सरकार ने यह निर्णय किया है. औद्योगिक सूत्रों के मुताबिक दो महीने से कम की अवधि में यह दूसरी बार उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है. वित्त वर्ष 2019-20 के बराबर उपभोग होने पर इससे सरकार को 1.7 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है.

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हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से किए गए बंद के चलते ईंधन के उपभोग में कमी आयी है, क्योंकि लोगों की आवाजाही पर रोक है. ऐसे में चालू वित्त वर्ष 2020-21 के बचे 11 महीनों में इस शुल्क बढ़ोत्तरी से होने वाली अतिरिक्त आय 1.6 लाख करोड़ रुपये रह सकती है. इससे पहले सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर तीन-तीन रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था.

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