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'PFI पर ED की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित, एक भी आरोप साबित नहीं हुए'

पीएफआई के स्टेट प्रेसिडेंट ने कहा कि किसान आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जा रही है. बीजेपी सरकार उनके खिलाफ किसी भी आवाज को बर्दाश्त नहीं कर रही है.

Updated on: 05 Dec 2020, 03:29 PM

नई दिल्ली :

विदेशों के फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग आरोपों के बीच पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर  प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई जारी है. अबतक इसके कई ठिकानों पर ईडी ने रेड डाली है. इस बीच पीएफआई के स्टेट प्रेसिडेंट मोहम्मद आसिफ ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि यह राजनीति से प्रेरित है. 

मोहम्मद आसिफ ने कहा, 'देश मे लोकतंत्र के तीन पिलर दम तोड़ रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं मीडिया अपना रोल बखूबी निभाएगा. 3 दिसम्बर को ईडी की कार्रवाई की हम निंदा करते हैं. यह राजनीति से प्रेरित है.  अब तक जितने भी इल्जाम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर लगे हैं वो साबित नहीं हो पाया है.'

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इसके साथ ही पीएफआई के स्टेट प्रेसिडेंट ने कहा कि किसान आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जा रही है. बीजेपी सरकार उनके खिलाफ किसी भी आवाज को बर्दाश्त नहीं कर रही है. जो संगठन सरकार के खिलाफ आवाज उठा रही है उसे दबाया जा रहा है. ऐसी कार्रवाई के खिलाफ सभी को आगे आना चाहिए.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई से पीएफआई डरने वाला नहीं है. नेशनल कमेटी ऑफिसर को नोटिस दिया गया. जो भी कागजात ईडी ने मांगे वो हमने उपलब्ध कराए गए.  

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आसिफ ने आगे कहा कि 6 दिसम्बर 1992 को लेकर शहर में लगे पोस्टर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का मानना है कि देश मे लोकतंत्र खतरे में है. इसके पहला उदाहरण बाबरी मस्जिद विध्वंस है. देश की सबसे बडी अदालत ने न्याय नहीं किया. इसके लिए हम आवाज उठाते रहेंगे. यह फैसला सियासी मजबूरी से लिया गया है. हम फैसले के खिलाफ नहीं हैं. हम इस मामले को हिन्दू- मुस्लिम के आधार पर नहीं देखते है.