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जयशंकर का चीन को कड़ा संदेश- यथास्थिति बदलने की कोशिश बर्दाश्त नहीं करेंगे

सूत्रों ने बताया कि जयशंकर ने उपकरणों के साथ चीनी सैनिकों के बड़े पैमाने पर मजबूत होने पर चिंता व्यक्त की है और सभी टकराव वाले क्षेत्रों में शांति का आग्रह किया.

Updated on: 11 Sep 2020, 07:39 AM

highlights

  • भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की करीब 2 घंटे चली मुलाकात
  • जयशंकर ने बैठक में चीन को दिया कड़ा संदेश
  • दोनों देश सीमा पर तनाव कम करने पर सहमत हुए
  • दोनों देशों के बीच 5 सूत्रीय फॉर्मूले पर रजामंदी

नई दिल्ली:

लद्दाख में सीमा विवाद के बीच भारत और चीन (India China) के विदेश मंत्रियों ने मॉस्को में मुलाकात की. दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबे समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने के संबंध में बातचीत की. इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चीन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर उसने एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने की कोशिश की तो ऐसे किसी भी कदम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि जयशंकर ने उपकरणों के साथ चीनी सैनिकों के बड़े पैमाने पर मजबूत होने पर चिंता व्यक्त की है और सभी टकराव वाले क्षेत्रों में शांति का आग्रह किया.

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सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के दौरान एस जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि इससे सीमा क्षेत्रों के प्रबंधन पर सभी समझौतों का पूर्ण पालन होने की उम्मीद है. साथ ही उन्होंने कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि भारत एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को स्वीकार नहीं करेगा. बैठक के दौरान, इस बात पर भी जोर दिया गया कि भारतीय सैनिकों ने सीमावर्ती क्षेत्रों के प्रबंधन से संबंधित सभी समझौतों और प्रोटोकॉलों का गहनता से पालन किया था.

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सूत्रों ने यह भी बताया कि दोनों देश सीमा पर तनाव कम करने पर सहमत हुए हैं और दोनों देशों के बीच 5 सूत्रीय फॉर्मूले पर रजामंदी हो गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच बातचीत रात 8 बजे (भारतीय समयानुसार) के कुछ देर बाद शुरू हुई और कम से कम दो घंटे तक चली. बातचीत का एकमात्र लक्ष्य सीमा पर तनाव को कम करना और गतिरोध के स्थल से सैनिकों की वापसी का था. हालांकि दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है. 

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ज्ञात हो कि पिछले एक हफ्ते से भी कम वक्त में दोनों देशों के बीच यह दूसरी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता है. मई की शुरुआत में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शुरू हुए गतिरोध के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी. इससे पहले मास्को में ही शुक्रवार को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत हुई थी. इससे पहले जयशंकर और वांग के बीच फोन पर 17 जून को बात हुई थी.