logo-image

लद्दाख सीमा विवाद पर सैन्य स्तर की वार्ता से पहले चीन का नया पैतरा, ऐन मौके बदला कमांडर

चीन (China) ने अपनी पुरानी कुटिल चालों के अनुरूप ऐन वार्ता से पहले भारतीय सीमा से लगने वाले पश्चिमी थिएटर कमांड के प्रमुख को बदल दिया है. इस कदम से भारतीय वार्ताकारों ने भी अपनी रणनीति में सधा, लेकिन अडिग रुख अपनाने का फैसला कर लिया है.

Updated on: 06 Jun 2020, 10:23 AM

highlights

  • लद्दाख सीमा विवाद पर बातचीत से पहले चीन ने चला नया पैतरा.
  • ड्रैगन ने थ्री स्टार जनरल वार्ता से पहले बदला अपना कमांड प्रमुख.
  • भारतीय रणनीतिकार भी अडिग, चार मुद्दों पर करेंगे दो-टूक बात.

नई दिल्ली:

लद्दाख (Ladakh) सीमा विवाद पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए भारत-चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच कॉर्प कमांडर स्तर की वार्ता होने वाली है. भारत इस बैठक में लद्दाख को लेकर चार बिंदुओं पर दो-टूक बातचीत करने उतरेगा. इस बीच चीन (China) ने अपनी पुरानी कुटिल चालों के अनुरूप ऐन वार्ता से पहले भारतीय सीमा से लगने वाले पश्चिमी थिएटर कमांड के प्रमुख को बदल दिया है. भारत-चीन सीमा विवाद (Border Tension) पर विद्यमान गतिरोध की गंभीरता का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि पहली बार इस तरह की बातचीत में थ्री स्टार जनरल शामिल हो रहे हैं. ऐसे में ऐन वक्त कमांड प्रमुख को बदला जाना चीन की नीयत में आए खोट को ही उजागर करता है. हालांकि इतना तय है कि कोरोना (Corona Virus) को लेकर पहले से दुनिया भर के निशाने पर आया चीन फिलवक्त भारत (India) से किसी किस्म का जोखिम मोल लेना नहीं चाहेगा. फिर भी इस कदम से भारतीय वार्ताकारों ने भी अपनी रणनीति में सधा, लेकिन अडिग रुख अपनाने का फैसला कर लिया है.

यह भी पढ़ेंः ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने Twitter अकाउंट से BJP हटाया, राजनीति हुई तेज

पीएलए की वेबसाइट पर की गई घोषणा
प्राप्त जानकारी के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वेस्टर्न थिएटर कमांड ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर घोषणा की है कि लेफ्टिनेंट जनरल शू चिलिंग को उसके सीमा बलों का नया कमांडर नियुक्त किया गया है. इससे पहले वह ईस्टर्न थियेटर कमांड में सेवा दे चुके हैं. हालांकि चीन ने यह कदम क्यों उठाया इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. गौरतलब है कि पहली बार भारत चीन सीमा पर बॉर्डर पर्सनल मीटिंग के दौरान थ्री स्टार जनरल शामिल होंगे. चीन की इस नई चाल से अटकलों को नया मोड़ मिल गया है. यहां यह जानना बेहतर होगा कि पीएलए की वेस्टर्न थिएटर कमांड भारत के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा करती है. पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड में आर्मी, एयरफोर्स और रॉकेट फोर्स शामिल हैं. पहले इसका नेतृत्व जनरल झाओ जोंगकी के हाथ में था.

यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान के पूर्व गृहमंत्री रहमान मलिक ने प्रेसिडेंट हाउस में मेरे संग किया रेप, अमेरिकी महिला का बड़ा आरोप

भारत की ओर से कमान ले. हरिंदर सिंह के हाथों
चीन से सैन्य स्तर की वार्ता की भारतीय कमान लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह संभालेंगे. उन्हें काउंटर इनसर्जेंसी से जुड़े मामलों में माहिर माना जाता है. वह लेह की 14वीं कोर के कमांडर हैं जिसे 'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्‍स' भी कहते हैं. ले. जनरल सिंह की यूनिट सबसे खतरनाक टेरेन, मौसम और ऊंचाई पर सैन्य ऑपरेशन को अंजाम देती है. पिछले साल अक्‍टूबर में 14 कोर की कमान संभालन से पहले, ले. जनरल हरिंदर सिंह कई अहम पदों पर रहे हैं. वह मिलिट्री इंटेलिजेंस, मिलिट्री ऑपरेशंस, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्‍स और स्‍ट्रैटजिक मूवमेंट के डायरेक्टर जनरल रह चुके हैं.

यह भी पढ़ेंः आज 9 बजे एक टेबल पर आएंगे भारत और चीन के वार्ताकार, दुनिया भर की निगाहें टिकीं

अपनी जनता को गुमराह कर रहा है चीन
सामरिक विशेषज्ञों के मुताबिक एलएसी पर तनातनी की वजह चीन भले ही लद्दाख में भारतीय सेना की ओर से सीमा का कथित उल्लंघन बता रहा हो, पर सच्चाई इसके परे है. कोरोना वायरस की उत्पति और जानकारी छिपाने के आरोप में चीन पहले से ही चौतरफा घिरा है. विश्व शक्ति बनने की उसकी अभिलाषा को कोरोना ने करारी चोट दी है. उस पर कोरोना से कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था और इसके कारण बेरोजगारी दर बढ़ने की आशंका से चीन भारतीय सीमा पर तनाव की आड़ में अपनी जनता को गुमराह करने की कोशिश में है.

यह भी पढ़ेंः इमरान खान अब बोलो...डी-कंपनी ने पाकिस्तान में कारोबार की बात स्वीकारी

भारतीय रुख भी है सख्त
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में भारत के तेवर सख्त रहेंगे. इसमें कम से कम चार ऐसे मसले हैं जिन पर भारत का रुख सख्त रहने की उम्मीद जताई जा रही है. सबसे पहले तो यही कि भारत चाहता है कि चीन के सैनिक भारतीय इलाके से हट जाएं. एलएसी पर अग्रिम चौकियों पर तैनात चीनी सैनिकों को वापस भेजा जाए. गलवान में भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने का काम जारी रहे. साथ ही भारत यह आश्वासन भी चाहता है कि सीमा पर अब और हिंसक झड़पें नहीं होंगी. पिछले महीने हुई झड़प में दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे.