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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने Twitter अकाउंट से BJP हटाया, राजनीति हुई तेज

मध्य प्रदेश की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है. हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कथित तौर पर अपने ट्विटर अकाउंट से बीजेपी (BJP) लिखा हुआ हटा दिया है. बीजेपी की जगह अब उन्होंने अपने अकाउंट पर पब्लिक सर्वेंट (Public Servant) लिखा लिया हैं.

Updated on: 06 Jun 2020, 10:26 AM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है. हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कथित तौर पर अपने ट्विटर अकाउंट से बीजेपी (BJP) लिखा हुआ हटा दिया है. बीजेपी की जगह अब उन्होंने अपने अकाउंट पर पब्लिक सर्वेंट (Public Servant) लिखा लिया हैं. इसके बाद से ही राजनीति गलियारों में हलचल मच गई है.

हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि सिंधिया ने अपने प्रोफाइल में बीजेपी जोड़ा ही नहीं था. वहीं अभी तक इस मामले पर बीजेपी या सिंधिया की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. बता दें कि सिंधिया जब कांग्रेस में थे उस समय भी उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस को हटा दिया था. इस घटना के कुछ समय ही सिंधिया बीजेपी शामिल हो गए थे.

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बता दें कि सिंधिया के साथ जिन 22 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी थी, उनमें छह कमलनाथ मंत्रिमंडल में मंत्री थे. सिंधिया ने कांग्रेस में 18 साल रहने के बाद इस साल होली के दिन BJP का दामन थामा था. पार्टी में उनकी एंट्री के साथ उनके समर्थकों को शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल करने के साथ सिंधिया को केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन अब उपचुनाव में उनके समर्थक पूर्व विधायकों को बीजेपी का टिकट मिलने में भी परेशानी की खबरें आ रही हैं.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में आने वाले कुछ महीनों में उपचुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. उपचुनाव में सिंधिया-समर्थक सभी 22 विधायकों को टिकट देने का वादा बीजेपी ने किया है, लेकिन इसमें भी दिक्कतें आ रही हैं। कई सीटों पर पार्टी को अपने पुराने नेताओं के विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है.  हाटपिपल्या में दीपक जोशी हों या ग्वालियर पूर्व में कांग्रेस में शामिल हो चुके बालेंदु शुक्ला, पार्टी के लिए अपने नेताओं को एक साथ रख पाना मुश्किल हो रहा है.