कोरोना पीड़ितों के इलाज को लेकर अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और डॉक्टरों के बीच ठन गई है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने सीएम केजरीवाल की ओर से शनिवार को डॉक्टरों और अस्पतालों को दी गई सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी की कड़े शब्दों में निंदा की है. इसके साथ ही संगठन ने गंगाराम अस्पताल के खिलाफ एफआईआर किए जाने की घनघोर निंदा कर उसे समग्र चिकित्सा जगत के लिए हतोत्साहित करने मनोबल गिराने वाला कदम करार दिया है. गौरतलब है कि शनिवार को अरविंद केजरीवाल ने कोविड-19 (COVID-19) संक्रमितों को भर्ती करने से इंकार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही थी.
यह भी पढ़ेंः Good News: सितंबर तक देश से खत्म हो जाएगी कोरोना संक्रमण की आफत, दो हेल्थ विशेषज्ञों का दावा
कोविड-19 संक्रमण में लोगों की सेवा कर रहे डॉक्टरों को अपमानित किया
डीएमए के अध्यक्ष डॉक्टर बीबी वाधवा ने एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जिस प्रकार कोरोना के मरीजों को भर्ती करने और टेस्ट के संबंध में डॉक्टरों को चेतावनी देने के साथ अस्पतालों को धमकी दे रहे हैं, उसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. संगठन की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि कोविड-19 संक्रमण की परवाह किए बगैर अपनी जान जोखिम में डालकर डॉक्टर पिछले दो महीने से बगैर थके लोगों की सेवा कर रहे हैं. डॉक्टरों के साथ इस तरह का व्यवहार अपमानित करने वाला है. अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं और कोरोना या अन्य मरीजों को महामारी के समय में भी सेवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बीच सरकार रोज नए फरमान जारी कर रही है. चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों के प्रयासों की प्रशंसा करने की बजाय उन्हें दंडित किया जा रहा है. उन्होंने दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ चिकित्सकों की समन्वय समिति बनाने की मांग की और कहा कि जल्द उपचार के लिए प्रत्येक कोविड केयर अस्पताल में जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
यह भी पढ़ेंः मुंबई में देर रात कुछ इलाकों से गैस लीक की शिकायतें, अफरा-तफरी के बीच गुजरी रात
गंगाराम के खिलाफ एफआईआर मनोबल गिराने वाला कदम
सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ एफआईआर की निंदा करते हुए डॉक्टर वाधवा ने कहा कि सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया जाना डॉक्टरों का मनोबल गिराने वाला है. गंगाराम अस्पताल ने लाखों लोगों की जान बचाई है. ऐसे में डीएमए हेल्थकेयर वर्कर्स को डराने और धमकाने के इस कृत्य की कड़ी निंदा करता है. उन्होंने कहा कि महामारी के इस समय में दिल्ली के डॉक्टर वैसे ही अधिक काम के कारण तनाव में हैं. दिल्ली सरकार अनावश्यक रूप से हेल्थकेयर सिस्टम पर गैर जरूरी दबाव डाल रही है. डॉक्टर वाधवा ने कहा कि कोरोना के मरीज की मृत्यु की स्थिति में डेड बॉडी ले जाने और गाइडलाइंस के अनुरूप दाह संस्कार कराने के लिए भी सिस्टम बनाया जाना चाहिए. साथ ही कोरोना के मरीजों का उपचार कर रहे अस्पतालों के लिए क्षेत्र के हिसाब से नोडल अधिकारी भी तैनात किए जाने चाहिए.
यह भी पढ़ेंः बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी आज फूंकेगी बिगुल, अमित शाह करेंगे वर्चुअल रैली
सीएम ने शनिवार को दी थी चेतावनी
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अस्पतालों को चेतावनी देते हुए कहा था कि कोविड-19 मरीजों को 'भर्ती करने से मना करने' और बिस्तरों की कालाबाजारी करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों, हल्के या गंभीर लक्षणों वालों, को दिल्ली में कोई अस्पताल भर्ती करने से मना नहीं कर सकता है. इस कड़ी में दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने को लेकर यहां स्थित सर गंगा राम अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. अस्पताल पर महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
HIGHLIGHTS
- अरविंद केजरीवाल ने दी थी अस्पतालों और डॉक्टरों को चेतावनी.
- इसके खिलाफ दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने जारी किया बयान.
- गंगाराम अस्पताल के खिलाफ एफआईआर मनोबल गिराने वाला कदम.