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लोकसभा चुनाव

नोटबंदी पर संसद में गतिरोध जारी, सरकार की चर्चा चलने देने की विपक्ष से अपील

नोटबंदी पर चर्चा के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में सोमवार को लगातार 13वें दिन हंगामा जारी रहा। लोकसभा में नोटबंदी पर चर्चा की मांग को लेकर जारी गतिरोध को अब भी बरकरार है।

Updated on: 05 Dec 2016, 11:33 PM

नई दिल्ली:

नोटबंदी पर चर्चा के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में सोमवार को लगातार 13वें दिन हंगामा जारी रहा। लोकसभा में नोटबंदी पर चर्चा की मांग को लेकर जारी गतिरोध को अब भी बरकरार है। दोनों पक्षों में सुलह की कोशिशें नाकाम रही है।

केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से देश भर में नकदी की कमी, केंद्रीय कर्मचारियों को कथित तौर पर वेतन का भुगतान न होने को लेकर विपक्ष सदन में हंगामा कर रहा है।

दोनों पक्षों की विचार सुनने के बाद लोकभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी बिना किसी नियम के चर्चा का सुझाव दिया। विपक्ष नियम 56 के तहत चर्चा की पहले की मांग को छोड़कर सोमवार को नियम 184 के तहत चर्चा की मांग पर आ गया। नियम 184 में मतविभाजन और स्थगन प्रस्ताव दोनों प्रावधान हैं, लेकिन उसमें सरकार की निंदा शामिल नहीं है।

लोकसभा अध्यक्ष ने बीजू जनता दल (बीजद) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नोटिस पर नियम 193 के तहत चर्चा को मंजूरी दे दी, जिसमें किसी मुद्दे पर संक्षिप्त चर्चा का प्रावधान है।

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने हालांकि नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग की है।

संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने हालांकि कहा कि बीजद और टीआरएस ने नियम 193 के तहत चर्चा कराने के नोटिस दिए हैं और उनकी इच्छा का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'कृपया, इसे प्रतिष्ठा के प्रश्न के रूप में नहीं लें। चर्चा शुरू करें। काले धन के खिलाफ सभी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए।'

स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि वे नियम 184 के तहत चर्चा के लिए तैयार हैं।

खड़गे ने कहा, 'लोग बीमार हो रहे हैं और मर रहे हैं। देश की जीडीपी घट गई है। लोगों की नौकरियां चली गई हैं। यह गंभीर मामला है।' उन्होंने कहा, 'सरकार के पास भारी बहुमत है... वे मतदान से क्यों भाग रहे हैं?'

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्ष की नियम 184 के तहत चर्चा की मांग पर कहा कि चर्चा किसी भी नियम और आम लोगों की समस्याओं के बगैर की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, 'प्रत्येक शख्स आम लोगों की समस्याओं की चर्चा करना चाहता है और मैं भी। नियम 193 के तहत चर्चा सूचीबद्ध है, लेकिन मैं सहयोग के लिए तैयार हूं। नियमों पर झगड़े न करें, बिना किसी नियम के चर्चा शुरू करें।'

हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी विपक्षी पार्टियों का प्रदर्शन जारी रहा। वे नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष की आसंदी तक पहुंच गए, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश अग्रवाल ने अपराह्न दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद कहा, 'केंद्र सरकार के किसी भी कर्मचारी को उनका वेतन (नवंबर का) नहीं मिला है।'

इससे पहले, राज्यसभा की कार्यवाही जब पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लोगों को नकदी न मिलने से परेशानी हो रही है और हालात बद् से बद्तर हो चुके हैं।

आजाद ने कहा, 'सप्ताहांत के दौरान हमसे कई लोग मिले। उन्हें पैसा ही नहीं मिला। वे परेशान हैं।' उन्होंने कहा कि यहां तक कि संसद परिसर में स्थित एटीएम मशीन में भी नकदी नहीं है।

इसकी  पर केंद्रीय मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा, 'यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसपर चर्चा होनी चाहिए।'

सरकार ने विपक्ष से की नोटबंदी पर चर्चा चलने देने की अपील


इधर संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने सोमवार को विपक्षी पार्टियों से अपील की है कि लोकसभा अध्यक्ष ने नोटबंदी पर नियम 193 के तहत जो चर्चा शुरू की है, उसे चलने दिया जाए। नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए बीजू जनता दल (बीजद) के नेता भर्तृहरी महताब तथा तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता ए.पी.जितेंद्र रेड्डी द्वारा दिए गए नोटिस को सोमवार को अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया। रेड्डी ने चर्चा की शुरुआत की।

कुमार ने कहा, 'आज, लोकसभा में भर्तृहरी महताब तथा ए.पी.जितेंद्र रेड्डी ने नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा की शुरुआत की। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अध्यक्ष की मंजूरी के बावजूद रेड्डी को चर्चा आगे नहीं बढ़ाने दी गई।'

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस तथा तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने उनका घेराव किया और चर्चा शुरू करने से उन्हें रोकने के लिए हर तरह का प्रयास किया।'

मंत्री ने कहा कि चर्चा अब आधिकारिक रूप से शुरू हो चुकी है।

उन्होंने कहा, 'विपक्ष जो भी कर रहा है, वह संसदीय परंपरा के खिलाफ है। टीआरएस, बीजद तथा अन्य पार्टी के सदस्यों के पास चर्चा शुरू करने और उसमें भाग लेने का हर अधिकार है।'

उन्होंने कहा, 'अब चूंकि चर्चा शुरू हो चुकी है, हम कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों से आग्रह करते हैं कि वे नोटबंदी पर संसदीय चर्चा में बाधा पैदा न करें। बाधा उत्पन्न करना संसदीय रणनीति नहीं हो सकती।'

मंत्री ने कहा कि मातृत्व अवकाश बढ़ाने संबंधित विधेयक, विकलांग जनों के कल्याण के लिए विधेयक, कर्मचारियों को मुआवाजा तथा एचआईवी/एड्स सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक लंबित हैं।