logo-image

कांग्रेस शासित प्रदेश CAA और NPR के खिलाफ उठाएंगे बड़ा कदम, जानें क्या करने वाले हैं

तो कांग्रेस शासित राज्य सरकारें अपनी विधानसभाओं में सीसीए और एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेंगी.

Updated on: 11 Jan 2020, 09:54 PM

नई दिल्ली:

पूरे देश में शनिवार को नागरिकता संशोधन एक्ट लागू हो गया है. लेकिन कांग्रेस शासित प्रदेश सीएए के खिलाफ हैं. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस शासित राज्य सरकारें अपनी विधानसभाओं में सीसीए और एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेंगी.

बता दें कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर जो व्यापक डेटाबेस तैयार होगा, उसमें लोगों को अब 31 तरह की जानकारी देनी होगी. केंद्र सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है.

वहीं कांग्रेस सीएए और एनपीआर का विरोध कर रही है. शनिवार को इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई. बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार पर युवाओं की आवाज दबाने का आरोप लगाया और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेने एवं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया को रोकने की मांग की तो पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा कि एनपीआर राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) का छिपा हुआ रूप है.

इसे भी पढ़ें:महाराष्ट्र: पालघर के तारापुर में कैमिकल फैक्ट्री में धमाका, मालिक समेत 8 लोग जिंदा जलकर मरे

सीडब्ल्यूसी की शनिवार को चली दो घंटे से अधिक की बैठक में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों और जेएनयू में हमले के बाद बने हालात, अर्थव्यवस्था में सुस्ती, जम्मू-कश्मीर की स्थिति और पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात पर चर्चा की गयी.

और पढ़ें:राहुल गांधी जल्द संभाल सकते हैं कांग्रेस की कमान, जल्द बुलाई जा सकती है प्लेनरी सेशन

सोनिया गांधी ने कहा कि पहले सरकार ने सोचा कि एनआरसी को पूरे देश में लाया जाए. असम एनआरसी के भयावह नतीजों के बाद सरकार एनपीआर को लेकर आई है. हमें किसी गलतफहमी में नहीं रहने चाहिए कि यह घातक नहीं है. 2020 का एनपीआर एनआरसी का छिपा हुआ रूप है.’

सोनिया ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार को अर्थिक मंदी पर काबू करने के लिए सरकार के पास कोई समझ नहीं है और न ही कोई निर्णय ले रही है.’